पराक्रमी अध्याय लिखेंगे, ले दृढ़ता से ठान, जय जय हिंदुस्तान गीत हर देशभक्त के हृदय में उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। यह गीत हमें संकल्प दिलाता है कि हम अपने कर्मों से राष्ट्र को गौरवशाली बनाएंगे और अपनी संस्कृति एवं मूल्यों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
Parakrami Adhyaay Likhenge Le Dridhata Se Thaan Jay Jay Hindustan
पराक्रमी अध्याय लिखेंगे,
ले दृढ़ता से ठान,
पराक्रमी अध्याय लिखेगे,
ले दृढ़ता से ठान,
जग बोलेगा हो नत मस्तक,
जग बोलेगा हो नत मस्तक,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान।।1।।
बहुत सहे अपमान घात,
आघात सहन की सीमा होती,
छलनी छलनी दूप है माँ,
का लज्जा रोती,
होने दो संग्राम भयंकर होने दो,
लगे हुए सारे कलंक को धोने दो,
स्वाभिमान से आगे बढना,
स्वाभिमान से आगे बढना,
परम विजय अभियान,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान।।2।।
याद करे अपने गौरव,
सामर्थ्य ओर वैभव विराट को,
खुल्ला रखा है सदा जगत हित,
निज कपाट को,
किंतु शक्ति बिन कभी न होता,
जग में मान,
शक्ति मंत्र का हर युग मे,
होता गुण गान,
प्रबल शक्ति से दुष्ट दमन हो,
प्रबल शक्ति से दुष्ट दमन हो,
मिले सभी को प्राण,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान।।3।।
आज व्यक्ति शिव शंकर बन,
प्रलयंकर अपना नेत्र खोलता,
शेषनाग भी रौद्र रूप फूपकार डोलता,
सागर मंथन से अमृत छलकायेगे,
भूमण्डल पर देव ध्वजा फहरायेगे,
मंगलमय कल्याण सभी का,
मंगलमय कल्याण सभी का,
है संकल्प महान,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान।।4।।
रचे नया इतिहास हरे सब त्रास,
बदल डाले भुगोल को,
दशो दिशायें खोल प्रगटाये,
नव स्वरूप को,
जग जननी निखरेगी फिर से,
एक अखंड,
जगत गुरु सिंहासन शोभे,
तेज प्रचंड,
महाभारत के चरण कमल मे,
महाभारत के चरण कमल मे,
अर्पित तन मन प्राण,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान।।5।।
पराक्रमी अध्याय लिखेंगे,
ले दृढ़ता से ठान,
पराक्रमी अध्याय लिखेगे,
ले दृढ़ता से ठान,
जग बोलेगा हो नत मस्तक,
जग बोलेगा हो नत मस्तक,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान,
जय जय हिन्दुस्तान।।6।।
पराक्रमी अध्याय लिखेंगे, ले दृढ़ता से ठान, जय जय हिंदुस्तान गीत हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश के उत्थान के लिए निष्ठा और संकल्प के साथ कार्य करें। यदि यह गीत आपको प्रेरित करता है, तो देश उठेगा अपने पैरों, निज गौरव के भान से , युगों युगों से यही हमारी बनी हुई परिपाटी है , भारत जागो, विश्व जगाओ, अपना दिव्य रूप प्रकटाओ और वतन के सिवा कुछ ना चाहत करेंगे जैसे अन्य गीतों को भी पढ़ें और राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल करें। 🙏✨