निज गौरव को निज वैभव को,क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए लिरिक्स

निज गौरव को निज वैभव को गीत हमें अपने मूल्यों, परंपराओं और आत्मबल को पहचानने का संदेश देता है। जब हम इसे पढ़ते या करते हैं, तो हमारे भीतर नई ऊर्जा जाग्रत होती है और गुरु देव जी की कृपा से हम अपने गौरवशाली इतिहास और आध्यात्मिक धरोहर को संजोने के लिए प्रेरित होते हैं। आइए, इस गीत के शब्दों से अपने मन और आत्मा को प्रकाशित करें।

Neej Gaurav ko Neej Vaibhav Ko Kyo Hindu Bahadur Bhul Gye

निज गौरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
उपदेश दिया जो गीता में,
क्यों सुनना सुनाना भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।1।।

रावण ने सीया चुराई तो,
हनुमान ने लंका जलाई थी,
अब लाखों सीते हरी गई,
क्यों लंका जलाना भूल गए।
निज गौंरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।2।।

कान्हा ने रास रचाया था,
दुष्टों को मार भगाया था,
अब रास रचना याद रहा,
क्यों चक्र चलना भूल गए।
निज गौंरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।3।।

राणा ने राह दिखाई थी,
शिवराज ने भी अपनाई थी,
जिस राह पर बंदा वीर चला,
उस राह पर चलना भूल गए।
निज गौंरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।4।।

केशव की है ललकार यही,
है भारत माँ की पुकार यही,
जिस गोद में पलकर बड़े हुए,
क्यों मान बढ़ाना भूल गए।
निज गौंरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।5।।

निज गौरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
उपदेश दिया जो गीता में,
क्यों सुनना सुनाना भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।6।।

निज गौरव को निज वैभव को गीत हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने और आत्मगौरव को बनाए रखने की सीख देता है। यदि यह गीत आपके मन को छू गया हो, तो भारत हमको जान से प्यारा है – देशभक्ति गीत, जान रहे ना रहे देश ज़िंदा रहे देशभक्ति गीत लिरिक्स, ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम देशभक्ति गीत लिरिक्स जैसे अन्य गीतों को भी पढ़ें और आत्मिक शांति प्राप्त करें। 🙏✨

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