मेरे देश की धरती देशभक्ति गीत लिरिक्स

मेरे देश की धरती देशभक्ति गीत हमारी मातृभूमि की सुंदरता और उसकी महत्ता को दिल से दर्शाता है। यह गीत हमें अपनी धरती से प्रेम और उसकी रक्षा करने की जिम्मेदारी याद दिलाता है। आइए, इस गीत के माध्यम से अपने देश के प्रति गहरा सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करें।

Mere Desh Ki Dharati Deshbhakti Geet Lyrics

मेरे देश की धरती सोना उगले।
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।

बैलों के गले में जब घुँघरू,
जीवन का राग सुनाते हैं।
ग़म कोस दूर हो जाते है,
खुशियों के कमल मुस्काते हैं,
सुन के रहट की आवाज़ें।
यूँ लगे कहीं शहनाई बजे,
आते ही मस्त बहारों के,
दुल्हन की तरह हर खेत सजे।।

मेरे देश की धरती सोना उगले।
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।

जब चलते हैं इस धरती पर हल,
ममता अँगड़ाइयाँ लेती है।
क्यों ना पूजें इस माटी को,
जो जीवन का सुख देती है,
इस धरती पे जिसने जन्म लिया।
उसने ही पाया प्यार तेरा,
यहाँ अपना पराया कोई नही,
हैं सब पे है माँ उपकार तेरा।

मेरे देश की धरती सोना उगले।
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।

ये बाग़ हैं गौतम नानक का,
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ,
गांधी सुभाष टैगोर तिलक।
ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ,
रंग हरा हरिसिंह नलवे से,
रंग लाल है लाल बहादुर से।
रंग बना बसंती भगतसिंह,
रंग अमन का वीर जवाहर से।

मेरे देश की धरती सोना उगले।
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।

धरती के प्रति प्रेम और सम्मान से ओत-प्रोत यह गीत मेरे देश की धरती हमें अपने वतन से जुड़ाव और गर्व की भावना से भर देता है। इसी भावना के साथ आप Har Karam Apna Karenge Aye Vatan Tere Liye, Chhodo Kal Ki Baatein Kal ki Baat Purani, Nanha Munna Rahi Hu Desh Ka Sipahi Hu को भी पढ़ सकते हैं, जो देशभक्ति की भावना को और भी सशक्त बनाते हैं।

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