देश उठेगा अपने पैरो निज गौरव के भान से लिरिक्स

देश उठेगा अपने पैरो निज गौरव के भान से भजन हमें अपने देश के स्वाभिमान और गौरव से जागरूक करता है। यह गीत हर देशभक्त को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग और प्रोत्साहित करता है ताकि हम सभी मिलकर देश को ऊँचाइयों पर पहुंचा सकें। आइए, इस भजन के माध्यम से हम अपने देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरणा लें।

Desh Uthega Apne Pairo Nij Gaurav Ke Bhan Se Lyrics

देश उठेगा अपने पैरो,
निज गौरव के भान से।
स्नेह भरा विश्वास जगाकर,
जिए सुख सम्मान से।।

परावलंबी देश जगत में,
कभी ना यश पा सकता है।
मृगतृष्णा में मत भटको,
छिना सबकुछ जा सकता है,
मायावी संसार चक्र में।
कदम बढाओ ध्यान से,
अपने साधन नही बढेंगे,
औरों के गुणगान से।
देश उठेगा अपने पैरों,
निज गौरव के भान से।
स्नेह भरा विश्वास जगाकर,
जिए सुख सम्मान से।।

इसी देश में आदिकाल से,
अन्न रत्न भंडार रहा,
सारे जग को दृष्टि देता।
परम ग्यान आगार रहा,
आलोकित अपने वैभव से,
अपने ही विज्ञान से।
विविध विधाये फैली ध्रुव पर,
अपने हिन्दुस्तान से।
देश उठेगा अपने पैरों,
निज गौरव के भान से।
स्नेह भरा विश्वास जगाकर,
जिए सुख सम्मान से।।

अथक किया था श्रम अन्न गिन,
जीवन अर्पित निर्माण ने।
मर्यादित उपभोग हमारा,
पवित्रता हर प्राण मे,
परिपूरत परिपूर्ण सृष्टि।
चलती इस विधान से,
अपनी नव रचनाएँ होगी,
अपनी ही पहचान से।
देश उठेगा अपने पैरों,
निज गौरव के भान से।
स्नेह भरा विश्वास जगाकर,
जिए सुख सम्मान से।।

आज देश की प्रज्ञा भटकी,
अपनों से हम टूट रहे।
क्षुद्र भावना स्वार्थ जगा है,
श्रेष्ठ तत्व सब छूट रहे,
धारा स्व-की पुष्ट करेंगे।
समरस अमृत पान से,
कर संकल्प गरज कर बोले,
भारत स्वाभिमान से।
देश उठेगा अपने पैरों,
निज गौरव के भान से।
स्नेह भरा विश्वास जगाकर,
जिए सुख सम्मान से।।

देश उठेगा अपने पैरो,
निज गौरव के भान से।
स्नेह भरा विश्वास जगाकर,
जिए सुख सम्मान से।।

स्वाभिमान और देशभक्ति की भावना से भरा यह भजन देश उठेगा अपने पैरो निज गौरव के भान से हमें अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने की सीख देता है। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए आप Yugo Yugo Se Yahi Hamari Bani Huyi Paripati Hai Lyrics, Bharat Jago Vishwa Jagao Apna Divya Rup Pragatao Lyrics, Sabka Sath Hai Sabka Vikash Hai को भी पढ़ सकते हैं, जो हमारे देश प्रेम को और मजबूत बनाते हैं।

Share

Leave a comment