चंद्रदेव की आरती ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा । दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी॥ ॐ जय सोम देवा.. रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी। दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी॥ ॐ जय सोम देवा... जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे। सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि॥ ॐ जय सोम देवा... योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें । ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा॥ ॐ जय सोम देवा... वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी। प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी॥ ॐ जय सोम देवा... शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी। धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे॥ ॐ जय सोम देवा... विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी। सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें॥ ॐ जय सोम देवा... ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा॥

Chandrdev Ki Aarti | चंद्रदेव की आरती : शीतलता का अनुभव

चंद्रदेव की आरती हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है, क्योंकि चंद्रमा को मन और भावनाओं का स्वामी माना जाता है। चंद्रदेव, जिन्हें सोम या शशि के नाम से भी जाना जाता है, शीतलता, शांति और मानसिक संतुलन के प्रतीक हैं। Chandrdev Ki Aarti का गायन जीवन में शांति, सौम्यता, और समृद्धि लाने का एक … Read more