चल रे कावड़िया शिव के धाम भजन लिरिक्स

श्रद्धा, भक्ति और संकल्प की यात्रा का नाम ही कांवड़ यात्रा है, जहाँ हर शिव भक्त नंगे पांव, कंधे पर कांवड़ उठाए, भोलेनाथ के धाम की ओर बढ़ता है। चल रे कावड़िया शिव के धाम भजन इसी पवित्र यात्रा का वर्णन करता है, जो भक्ति, समर्पण और अटूट आस्था से भरी होती है। यह भजन हमें शिव की महिमा और उनके धाम तक जाने वाले पथ की पवित्रता का एहसास कराता है। आइए, इसे पढ़ें और शिव भक्ति में खो जाएं।

Chal Re Kawadiya Shiv Ke Dham

चाहे छाए हो बादल काले,
चाहे पाँव में पड़ जाय छाले,
चल रे कावड़िया शिव के धाम,
चाहे आग गगन से बरसे,
चाहे पानी को मन तरसे,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल।1।

कावड़ कान्धे धर के बना तू,
शिव नाम को जोगी,
मन में रख भरोसा तुझ पे,
शिव की करुणा होगी,
शिव की करुणा होगी,
कावड़ साधना है न्यारी,
कावड़ शिव को बहुत प्यारी,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल।2।

कावड़ के इस तप से तूने,
ऐसा पारस होना,
मिट्टी को तेरा हाथ लगे तो,
वो भी बन जाये सोना,
वो भी बन जाये सोना,
आगे बढ़ता जा तु प्यारे,
बाबा तेरी बाट निहारे,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल।3।

गंगा जी का पावन जल जो,
शिव को अर्पण करता,
अश्वमेध के यज्ञ बराबर,
उसको फल है मिलता,
उसको फल है मिलता,
शिव है तीन लोक का दाता,
शिव है सिरजनहार विधाता,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल।4।

चाहे छाय हो बादल काले,
चाहे पाँव में पड़ जाय छाले,
चल रे कावड़िया शिव के धाम,
चाहे आग गगन से बरसे,
चाहे पानी को मन तरसे,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल।5।

कांवड़ यात्रा केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि शिव से जुड़ने का एक पवित्र मार्ग है। यह भजन हमें शिव जी की अपार कृपा और उनकी भक्ति की शक्ति का अनुभव कराता है। अगर आपकी भक्ति और भी गहरी हो गई है, तो बोल बम के नारे गूंजे, शिव शंभू मेरे मन बसे, भोलेनाथ की बारात, और हर हर महादेव की गूंज जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव जी की महिमा का आनंद लें। 🚩🔱

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