यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर है या अशुभ फल दे रहा है, तो नवग्रह बृहस्पति मंत्र का जाप करना बेहद लाभकारी होता है। Navgrah Brihaspati Mantra न केवल बृहस्पति ग्रह की शक्ति को सक्रिय करता है बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य को भी बढ़ाता है। हमने आपके लिए इस अद्भुत मंत्र को यहां उपलब्ध कराया है-
Navgrah Brihaspati Mantra
ॐ बृं बृहस्पतये नमः॥
अर्थ- मैं गुरु बृहस्पति देव को नमन करता हूँ और उनकी कृपा की प्रार्थना करता हूँ।

बृहस्पति देव की उपासना करने से न केवल Navgrah Brihaspati Mantra द्वारा लाभ मिलता है, बल्कि Guru Grah Ki Aarti और Brihaspati Beej Mantra का जाप करने से भी जीवन में शुभता आती है। यदि आप अपने ज्ञान और बुद्धि को तेज़ करना चाहते हैं, तो Brihaspati Vedic Mantra का नियमित जाप करें।
नवग्रह बृहस्पति मंत्र जाप करने का शुभ मुहूर्त
मंत्र का जाप करने के लिए कुछ विशेष मुहूर्त अत्यंत शुभ माने जाते हैं। सही समय पर जाप करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
- गुरुवार का दिन: बृहस्पति देव का दिन गुरुवार होता है, इसलिए इस दिन मंत्र जाप करना सबसे अधिक फलदायी माना जाता है।
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00 बजे तक): यह समय आध्यात्मिक साधना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस दौरान किए गए मंत्र जाप का प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है।
- सूर्योदय और सूर्यास्त का समय: सूर्योदय (सुबह 5:30 से 7:30 बजे तक) और सूर्यास्त (शाम 6:00 से 7:30 बजे तक) के समय जाप करना शुभ होता है।
- गुरु पुष्य नक्षत्र और देव गुरु ब्रह्म योग: गुरु पुष्य नक्षत्र और देव गुरु ब्रह्म योग के दौरान इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। यह मुहूर्त बहुत दुर्लभ और शक्तिशाली होता है।
- बृहस्पति ग्रह गोचर और शुभ लग्न: जब बृहस्पति ग्रह किसी शुभ राशि में गोचर करता है या किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ भाव में स्थित होता है, तब इस मंत्र का जाप अत्यधिक प्रभावी होता है।
- पूर्णिमा और एकादशी तिथि: पूर्णिमा और एकादशी को मंत्र जाप करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।
बृहस्पति मंत्र जाप की विधि
बृहस्पति देव का मंत्र जाप करने से व्यक्ति के जीवन में शुभता आती है और गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। सही विधि से मंत्र जाप करने से इसका प्रभाव शीघ्र और अधिक शक्तिशाली होता है।
- स्थान: मंत्र जाप के लिए शांत, स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनना आवश्यक है। पूजा कक्ष, मंदिर, या किसी शांत स्थान पर बैठकर जाप करना अधिक प्रभावी होता है।
- पूजा सामग्री: मंत्र जाप के लिए कुछ आवश्यक सामग्री होती है, जैसे – पीले वस्त्र, बृहस्पति देव की प्रतिमा या चित्र, पीले फूल, हल्दी, चंदन, केसर, गुड़-चना, केले, जल का पात्र और घी का दीपक।
- स्नान: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मन को शांत करें। बृहस्पति देव के फोटो या मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें और दीपक जलाकर पूजा की शुरुआत करें।
- दिशा: यदि संभव हो तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें, क्योंकि यह ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा मानी जाती है।
- मंत्र जाप: मंत्र जाप से पहले बृहस्पति देव का ध्यान करें और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें। फिर “ॐ बृं बृहस्पतये नमः।” मंत्र का जाप करें। यदि संभव हो, तो 11,000 बार जाप करने का संकल्प लें और धीरे-धीरे इसे पूर्ण करें।
- मानसिक स्थिति: मंत्र जाप के दौरान मन को भटकने न दें और पूरी श्रद्धा के साथ जाप करें। शांत और सकारात्मक भाव से बृहस्पति देव का ध्यान करें। जाप के दौरान गुरु बृहस्पति के दिव्य स्वरूप और उनके आशीर्वाद की कल्पना करें।
- समापन: मंत्र जाप पूर्ण होने के बाद बृहस्पति देव को पीले फूल, चने की दाल और केले का भोग अर्पित करें। इसके बाद बृहस्पति आरती करें और प्रसाद सभी को बांटें। अंत में, गुरु बृहस्पति से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें।
इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से बृहस्पति देव की कृपा बनी रहती है। विशेष रूप से गुरुवार के दिन इसका जाप करने से अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है।
मंत्र जाप के लाभ
बृहस्पति देव को ज्ञान, धन, सौभाग्य और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
- बुद्धि और शिक्षा: यह मंत्र विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और ज्ञान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और एकाग्रता को मजबूत करता है।
- उन्नति: जो लोग अपने करियर में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह मंत्र शुभ होता है। यह सफलता के मार्ग को प्रशस्त करता है और व्यापार में स्थिरता लाता है।
- वैवाहिक जीवन: जिन लोगों को विवाह में देरी हो रही है या वैवाहिक जीवन में समस्याएँ आ रही हैं, उनके लिए यह मंत्र विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य को बढ़ाता है।
- आर्थिक समृद्धि: बृहस्पति को धन और समृद्धि का कारक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से धन-संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
- गुरु ग्रह: यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो यह मंत्र उसके दोषों को शांत करता है और जीवन में शुभ फल प्रदान करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
- स्वास्थ्य सुधार: यह मंत्र शरीर और मन को शुद्ध करता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार आता है।
FAQ
कितनी बार जाप करना चाहिए?
कम से कम 108 बार (एक माला) जाप करना चाहिए। यदि बृहस्पति ग्रह कमजोर हो, तो 11,000 बार जाप करने का संकल्प लें।
इस मंत्र जाप के लिए कौन-सी माला उपयुक्त होती है?
इस मंत्र के जाप के लिए तुलसी या पीले चंदन की माला का उपयोग करना सबसे शुभ माना जाता है।
क्या महिलाओं को इस मंत्र का जाप करने की अनुमति है?
हाँ, महिलाएँ भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं, लेकिन मासिक धर्म के दौरान जाप करने से बचना चाहिए।
कितने दिनों तक इस मंत्र का जाप करना चाहिए?
यदि बृहस्पति ग्रह कमजोर है, तो कम से कम 40 दिन तक इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म