हिंदू धर्म में गुरु का वैदिक मंत्र विशेष महत्व रखता है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक जागृति का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। Guru Ka Vedic Mantra का नियमित जाप जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायता मिलती है। इस मंत्र का लिरिक्स, जाप करने की विधि और लाभ को यहां विस्तार से बताया गया है-
Guru Ka Vedic Mantra
ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु॥
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्॥१॥
॥ ॐ बृ बृहस्पतये नमः ॥२॥
ॐ अंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि, तन्नो जीव: प्रचोदयात॥३॥

- अर्थ- हे बृहस्पति देव! आप महान और पूजनीय हैं। आपका तेजस्वी स्वरूप दिव्यता से परिपूर्ण है। आप श्रेष्ठ कर्मों से युक्त हैं और समस्त जीवों के लिए ज्ञान और प्रकाश का स्रोत हैं। जो भी सत्य और धर्म के मार्ग पर चलता है, उसे आप अपार ऐश्वर्य और सौभाग्य प्रदान करते हैं। कृपया हमें भी अपने आशीर्वाद से धन, समृद्धि और सद्ज्ञान प्रदान करें।
- अर्थ – हे बृहस्पति देव! आपको मेरा नमन है। आप बुद्धि, ज्ञान और सत्य के प्रतीक हैं। कृपया हमें अपने ज्ञान और आशीर्वाद से कृतार्थ करें।
- अर्थ- हम अंगिरस ऋषि (बृहस्पति देव) को जानने का प्रयास करते हैं, जो दिव्य स्वरूपधारी हैं। हम उनकी बुद्धि और ज्ञान का ध्यान करते हैं। वे हमें सत्य और ज्ञान के प्रकाश से प्रेरित करें और हमें सही मार्ग पर ले जाएं।
गुरु का वैदिक मंत्र के जाप से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति, ज्ञान और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। यदि आप अपने जीवन में सकारात्मकता और गुरु की कृपा पाना चाहते हैं, तो इस मंत्र का नियमित जाप करें। इसी प्रकार, यदि आप अन्य प्रभावशाली मंत्रों जैसे बृहस्पति वैदिक मंत्र, गुरु गायत्री मंत्र, या बृहस्पति बीज मंत्र की शक्ति को समझना चाहते हैं, तो उनके बारे में भी जानना अत्यंत लाभकारी होगा।
मंत्र जाप का शुभ मुहूर्त
- सप्ताहिक शुभ दिन: गुरुवार को गुरु ग्रह का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन मंत्र जाप करना अत्यधिक शुभ और फलदायी होता है।
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:00 बजे से 6:00 बजे के बीच का समय (ब्रह्म मुहूर्त) मंत्र जाप के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस समय किए गए जाप का प्रभाव सबसे अधिक होता है।
- सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण: ग्रहण काल में गुरु मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है, क्योंकि इस समय किए गए जप का प्रभाव कई गुना अधिक होता है।
- शुभ योग और तिथियां:
- गुरु पुष्य योग – यह योग गुरु कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
- व्यतीपात योग और सर्वसिद्धि योग – इन योगों में किया गया मंत्र जाप शीघ्र फल देता है।
- पूर्णिमा और एकादशी तिथि – इन दिनों में गुरु मंत्र का जाप करने से विशेष आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
- व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार मुहूर्त: यदि कोई व्यक्ति गुरु ग्रह के अशुभ प्रभाव से पीड़ित है, तो उसे किसी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर अपनी कुंडली के अनुसार शुभ मुहूर्त में जाप करना चाहिए।
मंत्र जाप करने की प्रभावशाली विधि
Guru Ka Vedic Mantra जाप व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। सही विधि से इसका जाप करने से बुद्धि प्रखर होती है और गुरु कृपा प्राप्त होती है।
- स्थान शुद्धता – मंत्र जाप के लिए स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- स्नान और वस्त्र – स्नान कर स्वच्छ पीले या सफेद वस्त्र धारण करें।
- पूजा सामग्री – घी का दीपक जलाएं, पीले फूल और चंदन अर्पित करें।
- मंत्र जाप प्रारंभ – इस मंत्र का जाप 108 बार करें। रुद्राक्ष या तुलसी की माला का उपयोग करें।
- ध्यान और संकल्प – गुरु देव का ध्यान करें और ज्ञान व सफलता की प्रार्थना करें।
- पूजा का समापन – अंत में आरती करें और ॐ गुरवे नमः कहते हुए प्रसाद ग्रहण करें।
इस मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में आध्यात्मिक जागृति, मानसिक शांति और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। विशेष रूप से गुरुवार को इस जाप का अधिक महत्व होता है।
इस मंत्र का जाप करने से होने वाले लाभ
इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और गुरु कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता मिलती है।
- जीवन में स्थिरता– गुरु ग्रह को ज्ञान, समृद्धि और भाग्य का कारक माना जाता है। इसका जाप करने से करियर में उन्नति, व्यापार में सफलता और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है।
- बाधाओं का नाश – गुरु मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में आ रही बाधाओं को समाप्त करने में सहायता मिलती है।
- ग्रह दोष निवारण – यदि जन्म कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो या अशुभ स्थिति में हो, तो इस मंत्र का जाप गुरु दोष निवारण में सहायक होता है।
- आध्यात्मिक शांति – इस मंत्र का नियमित जाप मन को शांत रखता है, तनाव को दूर करता है और आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायता करता है।
- वैवाहिक सुख – गुरु ग्रह का संबंध विवाह और दांपत्य जीवन से भी है। इसका जाप करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और रिश्तों में मजबूती बनी रहती है।
- स्वास्थ्य सुधार – गुरु मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति बनी रहती है, जिससे शरीर और मन स्वस्थ रहते हैं। यह पाचन तंत्र और लीवर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है।
- संतान प्राप्ति – जिन लोगों को संतान सुख की प्राप्ति में बाधा आ रही हो, उनके लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
- गुरु कृपा – इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को सच्चे गुरु का मार्गदर्शन प्राप्त होता है, जिससे उसका जीवन सही दिशा में आगे बढ़ता है।
इसका जाप करने से जीवन में शुभता, शांति और सफलता का संचार होता है। यह न केवल मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है, बल्कि भौतिक जीवन को भी समृद्ध बनाता है।
FAQ
क्या इस मंत्र का जाप घर में भी किया जा सकता है?
हां, घर में किसी शांत स्थान पर बैठकर इसका जाप किया जा सकता है।
क्या इस मंत्र का जाप किसी विशेष संख्या में करना चाहिए?
हां, इसे 108 बार जपना श्रेष्ठ माना जाता है।
क्या इस मंत्र का जाप करने के लिए विशेष विधि अपनानी चाहिए?
हां, स्नान करके, पीले वस्त्र धारण कर, शुद्ध आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है।
क्या इस मंत्र के जाप से बृहस्पति दोष शांत हो सकता है?
हां, नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से बृहस्पति ग्रह की शांति होती है।
इस मंत्र का जाप करने के लिए कौन सा रंग शुभ होता है?
पीला रंग बृहस्पति देव का प्रिय रंग है, इसलिए पीले वस्त्र पहनना शुभ होता है।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩