वैदिक परंपरा में, बृहस्पति वैदिक मंत्र का जाप अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और हर क्षेत्र में सफलता दिलाने में सहायक होता है। Brihaspati Vedic Mantra न केवल आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि करियर, शिक्षा और विवाह समस्यां को भी दूर करता है। यहां इस मंत्र को आपके लिए उपलब्ध कराया गया है-
Brihaspati Vedic Mantra
बृहस्पते अतियदर्यो अर्हाद् दिवोअर्धे मनुष्या वज्रबाहः,
ज्योतिर्जन्म ब्रह्मणस्पते विश्वे देवासो अनमीव इयाय॥

अर्थ: हे बृहस्पति! आप महान और पूजनीय हैं। आप दिव्य लोक और पृथ्वी दोनों के श्रेष्ठ देवता हैं। आपकी शक्ति वज्र के समान अद्भुत और अजेय है। आप प्रकाश स्वरूप हैं और ज्ञान तथा सत्य के प्रतीक हैं। ब्रह्मणस्पति (गुरु) रूप में समस्त देवताओं और प्राणियों के कल्याण के लिए कार्य करते हैं। आपकी कृपा से समस्त देवता एवं प्राणी किसी भी विपत्ति या बाधा से मुक्त रहते हैं।
यदि आप जीवन में स्थिरता, समृद्धि और सफलता चाहते हैं, तो Brihaspati Vedic Mantra का जाप एक उत्तम उपाय है। यदि व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है, या बृहस्पति की महादशा/अंतरदशा में बाधाएँ आ रही हैं, तो इस मंत्र का नियमित जाप करने से सभी समस्याएँ दूर हो सकती हैं। इसके अलावा, आप बृहस्पति बीज मंत्र, गुरुवार व्रत विधि और गुरु ग्रह के उपाय को अपनाकर भी बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
मंत्र जाप के लिए शुभ मुहूर्त
मंत्र का जाप करने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही समय पर मंत्र जाप करने से अधिक सकारात्मक परिणाम मिलते हैं:
- सप्ताहिक शुभ दिन: बृहस्पति ग्रह का दिन गुरुवार होता है, इसलिए गुरुवार के दिन इस मंत्र का जाप करना सबसे शुभ और प्रभावी माना जाता है।
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:00 AM से 6:00 AM के बीच का समय, जिसे ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है, मंत्र जाप के लिए सर्वोत्तम होता है। इस समय किए गए जाप का कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
- सूर्योदय के समय: यदि ब्रह्म मुहूर्त में जाप संभव न हो, तो सूर्योदय के समय (लगभग 6:00 AM से 7:30 AM) भी मंत्र जाप किया जा सकता है। इस समय वातावरण शांत और ऊर्जा सकारात्मक होती है।
इस वैदिक मंत्र जाप की विधि
बृहस्पति देव ज्ञान, समृद्धि और शुभता के प्रतीक हैं। यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर हो, तो बृहस्पति वैदिक मंत्र का जाप लाभकारी होता है। इसे सही विधि से करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है:
- स्थान: मंत्र जाप के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान को चुनें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
- पूजा सामग्री: पीला वस्त्र, चंदन, हल्दी, घी का दीपक, अगरबत्ती, पीले फूल, केला, चने की दाल और 108 मनकों वाली पीली या चंदन की माला तैयार रखें।
- पूजा की तैयारी: स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर बृहस्पति देव का फोटो या मूर्ति स्थापित करें। दीपक जलाएँ, अगरबत्ती दिखाएँ और चंदन-हल्दी से तिलक करें।
- मंत्र का जाप: शुद्ध उच्चारण के साथ Brihaspati Vedic Mantra In Hindi को 108 बार जपें। जाप के दौरान मन को शांत रखें और बृहस्पति देव के स्वरूप का ध्यान करें। सकारात्मकता बनाए रखें और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
- समापन: मंत्र जाप के बाद बृहस्पति देव से आशीर्वाद माँगें। केले, चने की दाल और पीले वस्त्र का दान करें। घी का दीपक जलाकर बृहस्पति आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।
नियमित जाप करने से गुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है। विशेष रूप से गुरुवार के दिन जाप करने से शिक्षा, करियर और धन लाभ में सफलता मिलती है।
Brihaspati Vedic Mantra Ke Fayde
बृहस्पति देव ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और धर्म के कारक माने जाते हैं। इस मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में शुभता और सकारात्मक परिवर्तन आते हैं:
- बुद्धि में वृद्धि: इस मंत्र का जाप करने से याददाश्त तेज होती है और विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है। यह मंत्र मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है।
- करियर में सफलता: बृहस्पति देव गुरु ग्रह के रूप में शुभ फल प्रदान करते हैं। इस मंत्र का जाप नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
- वैवाहिक जीवन: यदि वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो या विवाह में देरी हो रही हो, तो इस मंत्र का जाप करने से रिश्तों में मधुरता आती है और विवाह योग मजबूत होता है।
- आर्थिक समृद्धि: बृहस्पति देव धन, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करते हैं। इस मंत्र का जाप करने से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।
- दोषों का नाश: यदि कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में हो या पीड़ित हो, तो इस मंत्र का जाप करने से सभी बाधाएँ दूर होती हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर शुभ प्रभाव लाता है।
- संतान सुख: जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उनके लिए भी यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है। गुरु ग्रह संतान योग को मजबूत बनाते हैं।
- समाज में प्रतिष्ठा: गुरु ग्रह व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं। इस मंत्र के जाप से व्यक्तित्व में निखार आता है और लोग सम्मान देने लगते हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा: इस मंत्र का जाप मानसिक तनाव और चिंता को दूर करता है। यह जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास लाने में मदद करता है।
नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से जीवन में शुभता, ज्ञान और समृद्धि बनी रहती है!
FAQ
क्या इस मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है?
हालाँकि इसे किसी भी दिन जपा जा सकता है, लेकिन गुरुवार को इसका विशेष महत्व होता है।
क्या इस मंत्र के साथ कोई अन्य उपाय भी करने चाहिए?
इस मंत्र के साथ गुरुवार के दिन चने की दाल, केले और पीले वस्त्र का दान करना, व्रत रखना और गुरु बृहस्पति की आरती करना अधिक लाभकारी होता है।
इस मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
आमतौर पर 108 बार (एक माला) या 11,000 बार (अनुष्ठान के रूप में) इस मंत्र का जाप करने से उत्तम फल प्राप्त होते हैं।
क्या इस मंत्र को बच्चे भी जप सकते हैं?
बच्चे भी इसे जप सकते हैं, विशेष रूप से अगर वे शिक्षा में सुधार और एकाग्रता बढ़ाना चाहते हैं।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩