बृहस्पति जाप मंत्र ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से बहुत ही खास होता है। जिसे बृहस्पति ग्रह को शुभ बनाने के लिए जपा जाता है, जिससे ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए सही उच्चारण और श्रद्धा के साथ Brihaspati Jaap Mantra को करना आवश्यक है। इस लिए हमने निचे आपके लिए मुख्य रूप से बृहस्पति जाप मंत्र हिंदी में उपलब्ध कराया है।
Brihaspati Jaap Mantra In Hindi
बीज मंत्र (Beej Mantra)
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।
उपयोग: गुरु ग्रह को बलवान बनाने के लिए, बुद्धि, विवाह, करियर में सफलता के लिए।
वैदिक मंत्र (Vedic Mantra)
बृहस्पते अतियदर्यो अर्हाद् दिवोअर्धे मनुष्या वज्रबाहः।
ज्योतिर्जन्म ब्रह्मणस्पते विश्वे देवासो अनमीव इयाय॥
उपयोग: शुद्ध वेद मंत्र द्वारा बृहस्पति ग्रह की शांति और ज्ञान वृद्धि के लिए।
पौराणिक मंत्र (Pauranik Mantra)
देवानां च ऋषीणां च गुरुं कांचन सन्निभम्।
बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥
उपयोग: गुरुवार के व्रत में, गुरु की आराधना के लिए।
नवग्रह बृहस्पति मंत्र (Navgrah Brihaspati Mantra)
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
उपयोग: नवग्रह शांति पूजा में, गुरु ग्रह दोष निवारण के लिए।
गायत्री मंत्र (Brihaspati Gayatri Mantra)
ॐ अंगिरस पुत्राय विद्महे वाचस्पतये धीमहि।
तन्नो गुरुः प्रचोदयात्॥
उपयोग: गुरु ग्रह के अनुकूल प्रभाव के लिए, पढ़ाई और ज्ञान के लिए।
कवच मंत्र (Brihaspati Kavach)
कवच मंत्र पूरा पाठ बहुत बड़ा होता है।
अगर आप चाहें, तो मैं आपको पूरा कवच मंत्र PDF में दे सकता हूँ।
उपयोग: ग्रह बाधा, रोग, धन, संतान सुख और जीवन में स्थिरता के लिए।
अंगिरस ऋषि स्तुति मंत्र
ॐ अंगिरसे नमः।
उपयोग: क्योंकि बृहस्पति जी अंगिरस ऋषि के पुत्र हैं, इसलिए साधना में इनका भी स्मरण किया जाता है।
शांति मंत्र (Brihaspati Shanti Mantra)
ॐ ब्रह्मणस्पते आचार्याय नमः।
उपयोग: गुरु ग्रह की शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए।
ध्यान मंत्र
रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।
बृहस्पति विनियोगा मंत्र
ॐ अस्य बृहस्पति नम:
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम:
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम:
ॐ बृं बीजाय नम:
ॐ शक्तये नम:
ॐ विनियोगाय नम:
गुरु का वैदिक मंत्र
ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
“ॐ बृ बृहस्पतये नमः”
ॐ अंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात।

ये सभी मंत्र बृहस्पति देव की पूजा में अत्यंत प्रभावी माना जाता है। इसका नियमित जाप करने से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सफलता और समृद्धि आती है। इसके साथ -साथ आप इनके अन्य पाठ जैसे- बृहस्पति चालीसा और बृहस्पति व्रत कथा को भी करें। जो आपको और अधिक सहायता प्रदान करेंगे।
बृहस्पति जाप मंत्र की मुख्य विधियां
मंत्र का जाप करने के लिए आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। यह विधि आपको बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने में सहायक होगी:
- स्थान का चयन: मंत्र का जाप करने के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। कोशिश करें कि स्थान हवादार और साफ-सुथरा हो ताकि आप ध्यान केंद्रित कर सकें।
- पूजा सामग्री: पूजा करने के लिए आपको बृहस्पति देव का मूर्ति, पीला वस्त्र, घी का दीपक, अगरबत्ती, पीले फूल और केला, चंदन, 108 मनकों वाली सफेद या पीला माला।
- पूजा की तैयारी: पूजा की शुरुआत करने से पहले, सबसे पहले स्नान करके शुद्ध हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र पहनें। अब बृहस्पति देव का फोटो या मूर्ति रखें और दीपक और अगरबत्ती जलाएं। इसके बाद, ताजे पीले फूलों से पूजन करें। उनका तिलक करें और चंदन या सिंदूर लगाएं।
- मंत्र का जाप: मंत्र का जाप सही तरीके से करना बेहद जरूरी है। इनके मंत्रो को माला के साथ 108 बार जपें। ताकि आपको हर बार जाप के साथ एक माला का मनकों की गिनती सही हो।
- ध्यान और मानसिक स्थिति: जाप के दौरान अपने मन को शांति से भरें और बृहस्पति देव के बारे में सोचें। उनकी पूजा करते समय उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें। मंत्र का जाप करते समय किसी भी तरह की मानसिक अशांति से बचने की कोशिश करें, ताकि मंत्र का प्रभाव पूरी तरह से हो सके।
- पूजा का समापन: पूजा के अंत में बृहस्पति देव से आशीर्वाद लें और पीले वस्त्र या केला दान करें। केले और चने का दान बृहस्पति देव के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इसके बाद, दीपक को जलते हुए रखें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
- नियमितता का महत्व: मंत्र का जाप लगातार और नियमित रूप से करें। विशेष रूप से गुरुवार के दिन इसका जाप करने से अधिक लाभ होता है, क्योंकि यह दिन बृहस्पति देव का दिन होता है। बृहस्पति जाप को एक महीने तक रोज़ करें, फिर आप उसके प्रभाव को महसूस कर पाएंगे।
FAQ
बृहस्पति जाप मंत्र को कब करना चाहिए?
मंत्र का जाप गुरुवार के दिन करना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि यह दिन बृहस्पति देव के लिए विशेष रूप से शुभ होता है।
क्या इनके मंत्रों का जाप सभी के लिए लाभकारी है?
हां, इनके मंत्रों का जाप सभी के लिए लाभकारी है, खासकर जो बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव से परेशान हैं।
इन मंत्र का जाप कितने समय तक करना चाहिए?
मंत्र का जाप एक महीने तक रोज़ 108 बार करना चाहिए, विशेष रूप से गुरुवार के दिन।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩