बृहस्पति गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, बुद्धि और आध्यात्मिक वृद्धि के लिए बहुत लाभदायक है। Brihaspati Gayatri Mantra विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शिक्षा, करियर और विवाह में सुधार की कामना रखते हैं। यदि आप भी अपने जीवन सफलता की चाह रखते है तो नीचे दिए गए Brihaspati Gayatri Mantra Lyrics आपके लिए बहुत लाभदायक है-
Brihaspati Gayatri Mantra
ॐ वृषभध्वजाय विद्महे करुनीहस्ताय धीमहि तन्नो गुरु: प्रचोदयात् ॥1॥
ॐ अंगि-रसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात् ॥2॥
ॐ गुरुदेवाय विद्महे परब्रह्माय धीमहि तन्नो गुरु: प्रचोदयात ॥3॥
अर्थ- हम अंगिरा ऋषि के पुत्र, देवगुरु बृहस्पति को प्रणाम करते हैं, जो वाणी के स्वामी हैं, उन पर हम ध्यान केंद्रित करते हैं, वे गुरु हमारे बुद्धि को प्रकाशित करें और हमें सही मार्ग दिखाएँ।

इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के भीतर ज्ञान का प्रकाश जागृत होता है, मानसिक शांति प्राप्त होती है और बृहस्पति देव का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही बृहस्पति बीज मंत्र, बृहस्पति वैदिक मंत्र, और गुरु ग्रह शांति मंत्र का जाप भी गुरु दोष निवारण के लिए लाभकारी होता है। यदि आप अपने जीवन में गुरु ग्रह की कृपा चाहते हैं, तो बृहस्पति गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जाप करें और अपने जीवन में ज्ञान, सफलता और सुख-समृद्धि को आमंत्रित करें।
मंत्र जाप करने का शुभ मुहूर्त
- विशेष तिथि और वार
- गुरुवार का दिन बृहस्पति देव की पूजा और मंत्र जाप के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
- गुरु पुष्य योग, वृहस्पति अमावस्या, और गुरु पूर्णिमा के दिन मंत्र जाप करना विशेष फलदायी होता है।
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00 बजे तक)
- इस समय वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है, जिससे मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
- सूर्योदय के समय (सुबह 6:00 से 8:00 बजे तक)
- इस समय गुरु ग्रह की ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय होती है।
- सूर्य की पहली किरणों के साथ जाप करने से बुद्धि, ज्ञान और सकारात्मकता में वृद्धि होती है।
- संध्या समय (शाम 6:00 से 8:00 बजे तक)
- यह समय भी मंत्र जाप के लिए शुभ माना जाता है, खासकर यदि सुबह जाप संभव न हो।
- संध्या काल में दीप जलाकर मंत्र जाप करने से गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।
- विशेष ग्रह योग के अनुसार
- गुरु ग्रह की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
- गुरु के अस्त होने की स्थिति में मंत्र जाप से बचना चाहिए।
- गुरु ग्रह के वक्री होने पर विशेष रूप से मंत्र जाप करना लाभकारी होता है।
इस मंत्र का जाप करने की प्रभावि विधि
- शुभ स्थान: इस मंत्र के जाप के लिए शांत और स्वच्छ स्थान का चुनाव करें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा है।
- सामग्री: मंत्र जाप करने के लिए घी का दीपक, अगरबत्ती, बृहस्पति देव की प्रतिमा या फोटो, पीले फूल, चंदन, हल्दी, तुलसी या चंदन की माला, पीले वस्त्र और चने की दाल का प्रसाद रखें।
- स्नान: स्नान करने के बाद स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल पर बैठकर मन को शांत करें।
- आह्वाहन: पूजा से पहले गणपति वंदना करें ताकि कोई बाधा न आए। इसके बाद दीपक प्रज्वलित करें और बृहस्पति देव का आह्वान करें।
- मंत्र जाप: बृहस्पति देव को हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं और पीले पुष्प अर्पित करें और ऊपर दिए गए Brihaspati Gayatri Mantra का जाप आरंभ करें। मंत्र जाप के दौरान मन को केंद्रित रखें और श्रद्धा के साथ बृहस्पति देव का ध्यान करें।
- एकाग्रता: मंत्र जाप करते समय मन को शांत रखें और कल्पना करें कि बृहस्पति देव का दिव्य प्रकाश आपके जीवन को ज्ञान और समृद्धि से भर रहा है।
- समापन: मंत्र जाप समाप्त होने के बाद, बृहस्पति देव से आशीर्वाद मांगें और चने की दाल व गुड़ का भोग अर्पित करें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और पीले वस्त्र का दान करें।
नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति, बुद्धि और करियर में सफलता मिलती है। यह गुरु ग्रह के दोषों को शांत करने में भी सहायक होता है। विशेष रूप से गुरुवार को इस मंत्र का जाप करने से अत्यधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं।
मंत्र जाप करने के लाभ
- एकाग्रता: Brihaspati Gayatri Mantra In Hindi का जाप करने से मन की अशांति दूर होती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। यह विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
- सफलता: जो लोग शिक्षा, शोध या करियर में सफलता पाना चाहते हैं, उनके लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावी है। यह बुद्धि और स्मरण शक्ति को तेज करता है।
- दोषों से मुक्ति: यदि जन्मकुंडली में गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में है या कमजोर है, तो इस मंत्र के नियमित जाप से गुरु के दोष शांत होते हैं, जिससे जीवन में बाधाएं कम होती हैं।
- ज्ञान का विस्तार: यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है और व्यक्ति को धर्म, सत्य और ज्ञान के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
- वैवाहिक जीवन: गुरु ग्रह का संबंध वैवाहिक जीवन से भी होता है। इस मंत्र के जाप से वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- वित्तीय स्थिति: बृहस्पति को धन, समृद्धि और उन्नति का कारक माना जाता है। इस मंत्र का नियमित जाप आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- अच्छे स्वास्थ्य: गुरु ग्रह शरीर में लिवर, पाचन तंत्र और हॉर्मोन संतुलन को नियंत्रित करता है। इस मंत्र का जाप करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।
- सामाजिक प्रतिष्ठा: गुरु ग्रह शुभ होने पर व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है। यह मंत्र समाज में अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त करने में सहायक होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: इस मंत्र के जाप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति के चारों ओर एक दिव्य सुरक्षा कवच बनता है।
- शुभ विवाह: जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही हो या संतान सुख में बाधा आ रही हो, उनके लिए यह मंत्र विशेष रूप से लाभकारी है।
नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
FAQ
क्या बृहस्पति मंत्र कुंडली में गुरु दोष को दूर कर सकता है?
हाँ, इस मंत्र का नियमित जाप करने से गुरु ग्रह से जुड़े दोष, जैसे गुरु चांडाल योग और कमजोर गुरु के प्रभाव कम होते हैं।
इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति, विशेष रूप से वे जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है या जो ज्ञान और सफलता चाहते हैं, इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
क्या इस मंत्र का जाप किसी खास दिशा में बैठकर करना चाहिए?
हाँ, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करना शुभ होता है।
क्या बिना माला के मंत्र जाप किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन माला से जाप करना अधिक प्रभावी होता है क्योंकि यह एकाग्रता बनाए रखता है।
इस मंत्र का प्रभाव तुरंत मिलता है?
नियमित और श्रद्धा से किए गए जाप से धीरे-धीरे सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। कुछ लोगों को इसका असर जल्दी दिखता है, जबकि कुछ को अधिक समय लग सकता है।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩