बृहस्पति बीज मंत्र गुरु ग्रह यानी बृहस्पति देव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। बृहस्पति देव को सभी ग्रहों का गुरु कहा जाता है, और वे शिक्षा, करियर, विवाह तथा आध्यात्मिक उन्नति के कारक हैं। यदि किसी की कुंडली में गुरु कमजोर हो, तो Brihaspati Beej Mantra का जाप करने से शुभ फल मिलने लगते हैं। यह दिव्य मंत्र इस प्रकार से है-
Brihaspati Beej Mantra
॥ ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः ॥

मंत्र का अर्थ:
- ॐ – ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक, जो सभी मंत्रों का मूल है।
- ग्रां – गुरु ग्रह की स्थिर और संतुलित ऊर्जा को जाग्रत करने वाला बीज मंत्र।
- ग्रीं – बृहस्पति देव की ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिकता को प्रकट करने वाला बीज मंत्र।
- ग्रौं – गुरु की कृपा और सकारात्मकता को बढ़ाने वाला बीज मंत्र।
- सः – दिव्य शक्ति और गुरु तत्व को संबोधित करता है।
- गुरवे नमः – गुरु बृहस्पति को नमन और उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना।
बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें और जीवन में सुख-समृद्धि का अनुभव करें। यदि आप गुरु ग्रह से जुड़ी और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो गुरुवार व्रत कथा, गुरु ग्रह के उपाय, और गुरु ग्रह की आरती का भी पालन करें। इन आध्यात्मिक साधनों से गुरु देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सफलता के नए मार्ग खुलते हैं।
Brihaspati Dev Ka Beej Mantra जाप का शुभ समय
- गुरुवार का दिन Brihaspati Beej Mantra के जाप के लिए सबसे उत्तम होता है, क्योंकि यह बृहस्पति देव का दिन है।
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) और गोधूलि वेला (शाम 5 से 7 बजे) में जाप करने से अधिक फल प्राप्त होते हैं।
बीज मंत्र जाप करने की विधि
- स्थान: मंत्र जाप के लिए एक पवित्र, शुद्ध और शांत स्थान चुनें। यदि संभव हो, तो पूजा कक्ष में या मंदिर में बैठकर जाप करें।
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में बृहस्पति देव की मूर्ति या चित्र, पीले वस्त्र, घी का दीपक, अगरबत्ती, पीले फूल, केला, चंदन, और 108 मनकों वाली पीली या सफेद माला शामिल हैं।
- पूजा की तैयारी: सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़ें पहन लें। फिर, पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। बृहस्पति देव की मूर्ति या फोटो को उचित स्थान पर स्थापित करें। घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। पीले फूल अर्पित करें और चंदन या हल्दी का तिलक लगाएं।
- मंत्र जाप: Brihaspati Dev Beej Mantra का उच्चारण स्पष्ट और सही तरीके से करना आवश्यक है। मंत्र जाप के दौरान प्रत्येक मनका गिनते हुए ध्यानपूर्वक उच्चारण करें। यदि संभव हो, तो जाप के समय पूर्व दिशा की ओर मुख रखें।
- ध्यान: मंत्र जाप के दौरान मन को शांत रखें और बृहस्पति देव के दिव्य स्वरूप का ध्यान करें। इस दौरान नकारात्मक विचारों से बचें और पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास के साथ जाप करें।
- समापन: जाप पूरा होने के बाद बृहस्पति देव की आरती करें और उनसे कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करें। इसके बाद, केले और चने की दाल का दान करें, क्योंकि ये बृहस्पति देव को प्रिय माने जाते हैं।
इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करें, विशेष रूप से गुरुवार के दिन इसका जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। यदि इसे लगातार एक महीने तक किया जाए, तो इसके सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से महसूस किए जा सकते हैं।
मंत्र जाप करने के लाभ
- ज्ञान की वृद्धि: यह मंत्र विद्यार्थियों और विद्वानों के लिए बहुत लाभकारी है। इसके नियमित जाप से स्मरण शक्ति तेज होती है और बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।
- बृहस्पति ग्रह: अगर कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो या अशुभ स्थिति में हो, तो इस मंत्र के जाप से उसका प्रभाव सकारात्मक हो जाता है।
- सफलता: जो लोग अपने करियर या व्यापार में रुकावटों का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस मंत्र का जाप करने से उन्नति के अवसर मिलने लगते हैं।
- वैवाहिक जीव: यदि विवाह में देरी हो रही है या दांपत्य जीवन में समस्याएँ बनी हुई हैं, तो यह मंत्र बहुत प्रभावी माना जाता है।
- धन और समृद्धि: गुरु ग्रह धन, समृद्धि और विस्तार का कारक है। इस मंत्र के प्रभाव से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और धन का आगमन बढ़ता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का जाप व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक चेतना को जाग्रत करता है, जिससे आत्मविश्वास और मन की शांति बढ़ती है।
- स्वास्थ्य लाभ: यह मंत्र शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है और मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होता है। इसके जाप से पाचन तंत्र और लीवर से जुड़ी समस्याओं में भी सुधार हो सकता है।
- संतान सुख : जो लोग संतान प्राप्ति में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए Brihaspati Ka Beej Mantra विशेष रूप से लाभकारी होता है।
FAQ
इस मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप 108 बार (एक माला) करना उत्तम माना जाता है। इसे लगातार 40 दिन तक करने से बृहस्पति देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
किन लोगों को इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए?
जिनकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर है, शिक्षा में बाधाएँ आ रही हैं, जिनका विवाह नहीं हो रहा या वैवाहिक जीवन में समस्या है, उन्हें इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
क्या इस मंत्र का जाप करने से गुरु दोष कम हो सकता है?
हाँ, यह मंत्र गुरु दोष को शांत करता है और बृहस्पति ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
क्या इस मंत्र का जाप घर पर किया जा सकता है?
हाँ, इसे मंदिर या घर पर किसी शांत और स्वच्छ स्थान पर किया जा सकता है।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म