श्री गुरु ग्रह दोष निवारण कवच : गुरु कृपा प्राप्ति का दिव्य मार्ग

श्री गुरु ग्रह दोष निवारण कवच एक शक्तिशाली साधना है, जो बृहस्पति ग्रह के दोषों को दूर करने और उनकी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक होती है। बृहस्पति को ज्ञान, बुद्धि, वैवाहिक सुख, संतान, और आध्यात्मिक उन्नति का कारक माना जाता है। Shri Guru Graha Dosh Nivaran Kavach न केवल गुरु ग्रह को संतुलित करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति भी लाता है। यह कवच इस प्रकार से है-

Shri Guru Graha Dosh Nivaran Kavach


ॐ श्री गुरवे नमः

गुरुर्ग्रहः शिरः पातु, ललाटं पातु मे बृहस्पतिः।
नेत्रे ज्ञानमयः पातु, श्रुती मे पातु वेदवित् ॥१॥

नासिकां पातु सौम्यात्मा, मुखं मे पातु वाच्पतिः।
जिह्वां मे वेदवक्ता च, कण्ठं मे च बृहस्पतिः ॥२॥

स्कन्धौ सुरगुरुः पातु, भुजौ मे पातु वेदवित्।
हस्तौ मे पातु श्रीकान्तः, हृदयं पातु मे गुरुः ॥३॥

नाभिं देवगुरुः पातु, कटिं मे पातु वाक्पतिः।
ऊरू मे पातु विश्वात्मा, जानुनी मे सुधीः सदा ॥४॥

जंघे मे ज्ञानदः पातु, पादौ मे सर्वतो गुरुः।
सर्वाङ्गं मे सदा पातु, बृहस्पतिः कृपानिधिः ॥५॥

इदं कवचमज्ञाय, पठेत् श्रद्धासमन्वितः।
गुरु दोषं विनिर्मुक्तः, सुखं भुक्त्वा स्वलं लभेत् ॥६॥

॥ इति गुरु ग्रह दोष निवारण कवचं सम्पूर्णम् ॥

Shri Guru Graha Dosh Nivaran Kavachॐ श्री गुरवे नमः ।गुरुर्ग्रहः शिरः पातु, ललाटं पातु मे बृहस्पतिः।
नेत्रे ज्ञानमयः पातु, श्रुती मे पातु वेदवित् ॥१॥नासिकां पातु सौम्यात्मा, मुखं मे पातु वाच्पतिः।
जिह्वां मे वेदवक्ता च, कण्ठं मे च बृहस्पतिः ॥२॥स्कन्धौ सुरगुरुः पातु, भुजौ मे पातु वेदवित्।
हस्तौ मे पातु श्रीकान्तः, हृदयं पातु मे गुरुः ॥३॥नाभिं देवगुरुः पातु, कटिं मे पातु वाक्पतिः।
ऊरू मे पातु विश्वात्मा, जानुनी मे सुधीः सदा ॥४॥जंघे मे ज्ञानदः पातु, पादौ मे सर्वतो गुरुः।
सर्वाङ्गं मे सदा पातु, बृहस्पतिः कृपानिधिः ॥५॥इदं कवचमज्ञाय, पठेत् श्रद्धासमन्वितः।
गुरु दोषं विनिर्मुक्तः, सुखं भुक्त्वा स्वलं लभेत् ॥६॥॥ इति गुरु ग्रह दोष निवारण कवचं सम्पूर्णम् ॥

इस कवच का नित्य पाठ करने से गुरु ग्रह के अशुभ प्रभावों का निवारण होता है। यह ज्ञान, समृद्धि, विवेक और सफलता प्रदान करता है। विशेष रूप से बृहस्पतिवार के दिन इसका पाठ करना अति शुभ माना जाता है।

श्री गुरु ग्रह दोष निवारण कवच करने की विधि

अगर कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में हो या पीड़ित हो, तो Shri Guru Graha Dosh Nivaran Kavach का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसे करने की सही विधि निम्नलिखित है:

  1. सही समय: इसके पाठ के लिए गुरुवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है, इसके अलावा पुष्य, पुनर्वसु या विशाखा नक्षत्र में करना अति उत्तम है। शुक्ल पक्ष में भी पाठ करना अधिक लाभकारी होता है।
  2. शुद्धिकरण: सबसे पहले प्रातःकाल स्नान कर सैग सुथरे वस्त्र धारण करें और पवित्र स्थान पर आसन लगाएं और पूजन स्थल को शुद्ध करें।
  3. आसन और दिशा: आसानी के लिए एक चौकी पर पीले रंग का कपड़े को बिछाकर उसमे बृहस्पतिदेव के मूर्ति को स्थापित कर दें और उसके सामने पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  4. सामग्री: हल्दी, चंदन, पीले फूल, और चने की दाल गुरु ग्रह को अर्पित करें और गाय के घी का दीपक जलाएं।
  5. गुरु का ध्यान: भगवान बृहस्पति का ध्यान करें और विनम्र भाव से प्रार्थना करें और ॐ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
  6. कवच का पाठ: अब इस कवच का श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करें। इसे लगातार 11, 21, या 40 दिन तक करें।
  7. प्रसाद: पाठ के बाद भगवान बृहस्पति को गुड़, चने की दाल, और केले का भोग लगाएं। इसके पाठ के साथ निर्धनों को भोजन कराना विशेष फलदायी होता है।
  8. समापन: पाठ के बाद कुछ समय एकांत और शांत वातावरण में बैठें और संकल्प लें कि आप गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं।

इस विधि से नियमित रूप से इस गुरु ग्रह दोष निवारण कवच का पाठ करने पर गुरु ग्रह के दोष शांत होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

FAQ

क्या केवल गुरुवार को ही इसका पाठ करना अनिवार्य है?

गुरुवार को इसका पाठ विशेष फलदायी होता है, लेकिन आवश्यकता अनुसार किसी भी शुभ दिन किया जा सकता है।

गुरु ग्रह दोष के लक्षण क्या होते हैं?

किसे इस कवच का पाठ करना चाहिए?

क्या महिलाएँ भी इस कवच का पाठ कर सकती हैं?

गुरु ग्रह की शांति के लिए क्या विशेष उपाय करने चाहिए?

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