माँ ब्रह्मचारिणी की आरती नवरात्रि के दूसरे दिन विशेष रूप से गाई जाती है। माँ ब्रह्मचारिणी माता दुर्गा का दूसरा स्वरूप है, जिन्हें तपस्विनी देवी के रूप में पूजा जाता है। Maa Brahmacharini Ki Aarti गाने से मनुष्य के जीवन में धैर्य, संयम, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विशेषकर नवरात्रि के दूसरे दिन आरती करने से व्यक्ति के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
यह आरती देवी को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम माध्यम है, जिससे वे अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं। अगर आप नवरात्रि के पावन पर्व पर माँ ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो प्रतिदिन उनके समक्ष दीप जलाकर Brahmacharini Maa Ki Aarti करें। इससे न केवल माता की कृपा प्राप्त होगी बल्कि आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर होंगी। यहां हमने आपके लिए Maa Brahmacharini Ki Aarti Lyrics को उपलब्ध कराया है-
Maa Brahmacharini Ki Aarti
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता,
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो,
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा,
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता,
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए,
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने,
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर,
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना,
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम,
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी,
रखना लाज मेरी महतारी।
माँ ब्रह्मचारिणी की आरती गाने के दौरान आपके मन और घर में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। यह आरती भक्तों के जीवन में अध्यात्मिक शक्ति, संयम और मन की एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक मानी जाती है। इसलिए नवरात्रि के दूसरे दिन माता की आरती अवश्य करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
ब्रह्मचारिणी माँ की आरती करने की विधि
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से पहले आपको शुद्ध भाव और भक्ति के साथ आरती करने की संपूर्ण प्रक्रिया को समझना आवश्यक है। नीचे आरती करने की पूरी विधि दी गई है।
- स्नान और वस्त्र: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ, हल्के रंग के वस्त्र धारण करें। पूजा करने से पहले स्वयं को शुद्ध और पवित्र महसूस करें।
- पूजा स्थल: जहां आप पूजा करने वाले हैं, उस स्थान को साफ करें। गंगाजल या शुद्ध जल से पूजा स्थल को पवित्र करें। माँ ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा या चित्र को एक साफ स्थान पर स्थापित करें।
- दीप प्रज्वलित:माँ के समक्ष दीपक जलाएं। दीपक में घी या तिल के तेल का उपयोग करें। दीप जलाने के बाद मन में माँ ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें।
- कपूर जलाएं: अब धूपबत्ती जलाएं और उसे माँ ब्रह्मचारिणी के चारों ओर घुमाएं। इसके बाद कपूर जलाकर माँ के समक्ष आरती के लिए तैयार रहें।
- भोग चढ़ाना: माँ ब्रह्मचारिणी को भोग अर्पित करें। भोग के रूप में गुड़ और धनिया चढ़ाना शुभ माना जाता है।
- आरती गान: अब Brahmacharini Maa Ki Aarti गाएं। हाथ में कपूर जलाकर उसे थाल में रखें और आरती के दौरान पूरे मन से माँ ब्रह्मचारिणी का स्मरण करें। आरती गाते समय घंटी बजाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- पुष्प अर्पण: आरती समाप्त होने के बाद माँ के चरणों में पुष्प अर्पित करें। माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके चरणों में नमन करें।
- प्रसाद वितरण: अब माँ को अर्पित किए गए भोग को प्रसाद रूप में ग्रहण करें और परिवारजनों को भी वितरित करें।
- प्रार्थना करें: आरती के अंत में दोनों हाथ जोड़कर माँ ब्रह्मचारिणी से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए प्रार्थना करें। माता के चरणों में शीश नवाकर आशीर्वाद लें।
- प्रतिदिन करें: यदि आप नवरात्रि के नौ दिनों तक ब्रह्मचारिणी माँ की आरती करते हैं तो पूजा संपूर्ण मानी जाती है। प्रतिदिन प्रातः और संध्या के समय माँ की आरती करें।
यह है आरती करने की संपूर्ण विधि। इस विधि के अनुसार पूजा करने से माँ की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
FAQ
आरती करने का सही समय क्या है?
आरती करने का सबसे शुभ समय सुबह स्नान के बाद और शाम के समय संध्या आरती होता है।
इनकी आरती के दौरान कौन सा दीपक जलाना चाहिए?
इनकी आरती के दौरान घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
क्या आरती के दौरान घंटी या शंख बजाना जरूरी है क्या?
हां, माँ की आरती के दौरान घंटी या शंख बजाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
यदि घर में माँ ब्रह्मचारिणी की मूर्ति न हो तो क्या करें?
यदि आपके घर में माँ ब्रह्मचारिणी की मूर्ति नहीं है, तो आप उनकी फोटो या चित्र के समक्ष आरती कर सकते हैं।
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱