Brahmacharini Mata ki Aarti | ब्रह्मचारिणी माता की आरती : मन की शांति

माँ ब्रह्मचारिणी, दुर्गा माँ की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति और स्वरूप हैं। ब्रह्मचारिणी माता की आरती और पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन किया जाता है। Brahmacharini Mata ki Aarti व पूजा करने से भक्तों के रुके सभी कार्य पूर्ण होते हैं, सभी दोषों से मुक्ति मिलती है, आप का शारीरिक स्वास्थ्य और मन की शांति बनी रहती हैं।

यदि आप इस आरती की तलाश में हैं तो, आप सही जगह पर आये हैं। यहाँ हमने आपके लिए सम्पूर्ण आरती के लिरिक्स को मुख्य रूप से उपलब्ध कराया है। जिसका उपयोग कर आप अपने भक्तिमय जीवन को और भी उजागर कर सकते हैं।

Brahmacharini Mata ki Aarti Lyrics

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता…
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥
ब्रह्मा जी के मन भाती हो…
ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा…
जिसको जपे सकल संसारा॥
जय गायत्री वेद की माता…
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता॥

कमी कोई रहने न पाए…
कोई भी दुख सहने न पाए॥
उसकी विरति रहे ठिकाने…
जो ​तेरी महिमा को जाने॥

रुद्राक्ष की माला ले कर…
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर॥
आलस छोड़ करे गुणगाना…
मां तुम उसको सुख पहुंचाना॥

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम…
पूर्ण करो सब मेरे काम॥
भक्त तेरे चरणों का पुजारी…
रखना लाज मेरी महतारी॥

आप ब्रह्मचारिणी माँ की आरती के साथ ही माँ दुर्गा के प्रमुख पाठों जैसे – दुर्गा चालीसा, durga chalisa aarti, durga stotram, durga saptashati mantra, durga raksha kavach एवं durga stotra आदि का पाठ कर सकते हैं क्योंकि माँ ब्रम्हचारिणी को देवी दुर्गा के स्वरुप पूजा जाता है। इन पाठों का जाप करने से माँ दुर्गा के आशीर्वाद को आप प्राप्त कर सकते हैं। जो आपके लिए फलदायक हो सकते हैं।

Maa Brahmacharini Aarti कैसे करना चाहिए

  1. स्नान – माता रानी की पूजा करने के लिए सबसे पहले आप स्नान कर लें और साफ वस्त्र पहन लें। 
  2. साफ सफाई – नवरात्रि के समय हमेशा घर को साफ सुथरा रखे तथा पूजा स्थान को हमेशा साफ रखे। 
  3. पूजास्थान – माता की पूजा करने के लिए आप किसी मंदिर में  जा सकते हैं या अपने ही घर में छोटा सा मंदिर बना सकते हैं। 
  4. पूजासामग्री – इनकी पूजा  के लिए गुड़हल का फूल,फल, चंदन, अक्षत, रोली, धूप, पंचामृत, पान,सुपारी, लौंग इत्यादि सामान को पूजास्थान पर रख लें। 
  5. ब्रह्मचारिणी स्वरूप – इस पूजा में माता की मूर्ति या फोटो  रखकर पूजा करें। 
  6. अर्पित करें – माता को फूल,अक्षत, चंदन, रोली, इत्यादि चढ़ाये इसके बाद माता को पंचामृत, पान, सुपारी, लौंग चढ़ाये। 
  7. आरती – अर्पित करने के बाद दीपक, धूप और कपूर जलाकर आरती करें। 
  8. धन्यवाद – आरती के अंत में माता को धन्यवाद करें और उनसे आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना करें। 

ब्रह्मचारिणी माता की आरती करने से अनेक लाभ मिलता है

  • कार्यों में सफलता – माता की पूजा और आरती करने से आप के कार्यों में सफलता मिलती है। 
  • बाधाओं से मुक्ति – आप के जीवन में किसी प्रकार की बाधा आती हैं तो माता की पूजा करने से इनसे मुक्ति मिलती है। 
  • लगन और त्याग – माता की आरती करने से आप के अंदर किसी कार्य को करने के लिए लगन और त्याग की क्षमता बढ़ती है जिससे आप अपने कार्यों पर पूरा फोकस कर पाते हैं। 
  • मन की शांति – माता की पूजा और आरती करने से आप सुख और मन की शांति का अनुभव करते हैं। 
  • सुरक्षा – माँ की पूजा करने से हमे उनकी शक्ति का एहसास होता है जिससे हम खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। 

FAQ

माँ ब्रह्मचारिणी किसका प्रतीक है ?

माता रानी प्रेम, निष्ठां, बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक हैं।

नवरात्रि के दूसरे दिन किस रंग के कपड़े पहनने के अधिक मान्य है ?

माँ की पूजा कब करनी चाहिए ?

माता को किसका भोग लगाना चाहिए ?

Share

Leave a comment