माँ दुर्गा के दिव्य स्वरूप और उनकी अलौकिक उपस्थिति का एहसास भक्त के हृदय को आनंद से भर देता है। “तेरी पायल बाजे माँ जब छमछम छमछम छमछम” भजन माँ की दिव्य आहट और उनकी कृपा की अनुभूति को व्यक्त करता है। जब माँ पधारती हैं, तो उनका आगमन भक्तों के जीवन में खुशियों की झंकार लेकर आता है। उनके चरणों की ध्वनि से सारा वातावरण भक्तिमय हो उठता है, और श्रद्धालु उनके प्रेम में मग्न हो जाते हैं।
Teri Payal Baje Maa Jab Chhachham Chhachham Chhachham
तेरी पायल बाजे माँ,
जब छमछम छमछम छमछम,
बादल गरजे मेघा बरसे,
बिजली ही छम छम छम छम।।
हंस चाल मृग नैन तुम्हारे,
चंद्र बदन अति सोहे माँ,
माथे पे बिंदिया बिजली सी माँ,
दमक रही दम दम।।
काली घटा सभी काले हैं,
केश तुम्हारे माँ जगदम्बे,
स्वर्ण मुकुट पर मालिक माँ,
जू चमक रहे चम चम।।
कनक वदन पर लाल चुनरिया,
गगन में चमके जैसे बिजुरिया,
नाच रहे सुर नर किन्नर,
तेरो रूप निरख अनुपम।।
कर में तेरे शस्त्र शुशोभित,
होते हैं माँ शेरावाली,
तेरी सेवा में रहते हैं,
राजेन्द्र माँ हर दम।।
तेरी पायल बाजे माँ,
जब छमछम छमछम छमछम,
बादल गरजे मेघा बरसे,
बिजली ही छम छम छम छम।।
गीतकार / गायक-राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
माँ की पावन उपस्थिति से जीवन आनंदमय और पवित्र हो जाता है। जो भी भक्त प्रेम और श्रद्धा से माँ का गुणगान करता है, वह उनके आशीर्वाद से सदा सुखी रहता है। यदि यह भजन आपके भक्ति भाव को और प्रगाढ़ कर दे, तो ओ दुर्गे मैया सुनले विनती हमारी माई री जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी श्रद्धा को और गहरा कर सकते हैं। जय माता दी! 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩