माँ के दर्शन का सौभाग्य मिलना किसी अमृत फल से कम नहीं है। “माँ का दर्शन जिसने पाया उसने पाया अमृत फल” भजन माँ की कृपा और उनके आशीर्वाद की महिमा का गुणगान करता है। जो भी श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ के दरबार में आता है, वह अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव करता है। माँ दुर्गा की छत्रछाया में हर कष्ट मिट जाता है, और भक्त को अमृत के समान दिव्य आनंद की प्राप्ति होती है।
Maa Ka Darshan Jisane Paya Usane Paya Amrit Phal
माँ का दर्शन जिसने पाया,
उसने पाया अमृत फल,
जय माता की कहता चल,
जय माता की कहता चल।।
ऊँचें पहाड़ो वाली माता,
सबकी झोली भरती हैं,
माँ चरणों में सबका हल,
माँ चरणों मे सबका हल,
जय माता की कहता चल,
जय माता की कहता चल।।
ओ मन मूरख नाम सुमरले,
शेरा वाली माता का,
तज कर पाप कपट और छल,
तज कर पाप कपट और छल,
जय माता की कहता चल,
जय माता की कहता चल।।
शेरा वाली माता तेरे,
सारे दुखड़े हर लेवेगी,
जो जप लेगा पल दो पल,
जो जप लेगा पल दो पल,
जय माता की कहता चल,
जय माता की कहता चल।।
माँ का रूप बसा कर मन में,
राजेंद्र जय माता की बोल,
होंगे सारे काम सफल,
होंगे सारे काम सफल,
जय माता की कहता चल,
जय माता की कहता चल।।
माँ का दर्शन जिसने पाया,
उसने पाया अमृत फल,
जय माता की कहता चल,
जय माता की कहता चल।।
गायक / प्रेषक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
माँ के दर्शन और आशीर्वाद से बढ़कर कुछ भी नहीं, क्योंकि उनकी कृपा से ही जीवन सफल बनता है। माँ का सच्चा भक्त वही होता है, जो पूरे मन, वचन और कर्म से उनकी भक्ति करता है। यदि यह भजन आपकी श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर दे, तो तू साँची है भवानी माँ तेरा दरबार साँचा है जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी भक्ति को और गहरा कर सकते हैं। माँ दुर्गा की कृपा सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏