उनका दरबार हर किसी के लिए खुला रहता है, चाहे वह किसी भी जाति, वर्ग, या पंथ का हो। शिव जी के द्वार पर जो भी श्रद्धा और भक्ति से आता है, वह उनके आशीर्वाद से कृतार्थ हो जाता है। भजन भोले बाबा के द्वार, सबका होता उद्धार इसी दिव्य सत्य को प्रकट करता है, जहाँ भक्त महादेव के दरबार की महिमा का गुणगान करते हुए बताते हैं कि वहाँ आने से हर दुख-दर्द समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए, इस भजन को पढ़कर शिव कृपा का अनुभव करें।
Bhole Baba ke Dwar sabka Hota Uddhar
भोले बाबा के द्वार।
सबका होता उद्धार,
दर्शन को उनके तू तो होजा रे तैयार।
पायेगा उपहार,
चल चला चल,
अकेला चल चला चल।।
बचपन सारा खेल गवाया।
कुछ भी तू नही कर पाया,
आयी जवानी खूब सजाई।
तूने तो अपनी काया,
करके सोलह श्रंगार।
घुमा सारा संसार,
फिर भी न पाया तूने,
किसी का भी प्यार।
पायेगा उपहार,
चल चला चल,
अकेला चल चला चल।।
शिव का द्वार खुला है हर पल।
जब चाहे तब आ जाना,
भक्ति भाव से टेक के माथा,
इच्छा वर फल पा जाना।
वो है दानी दयाल,
रखता सबका ख्याल।
अपने भक्तों को वो,
सब कुछ देने को तैयार,
पायेगा उपहार।
चल चला चल,
अकेला चल चला चल।।
दोहा- दानी होकर चुप क्यो बैठे।
कैसी तेरी दातारी रे,
जो सुध ना ली भक्तो की,
होगी बदनामी थारी रे।
नाम सुना था दानी तेरा,
इसी से दर पे आया हूँ,
पेट के खातिर अपने,
नैनो में आंसू लाया हूँ।
इच्छा पूरी करदो बाबा,
कीर्ति बड़ी तुम्हारी रे,
जो सुध ना ली भक्तो की,
होगी बदनामी थारी रे।
ना मांगू मैं माल खजाना,
ना कोई महल अटारी रे,
श्री पद दर्शन चाहू बाबा,
गर हो इच्छा थारी रे।।
अनुपम जीवन।
अनुपम काया,
शिव से तूने पाई है,
तू भी गाले शिव की महिमा।
देवो ने भी गाई है,
वो है दानी दयाल,
रखते सबका ख्याल,
अपने भक्तो को वो सब कुछ।
देने को तैयार,
पायेगा उपहार,
चल चला चल,
अकेला चल चला चल।।
भोले बाबा के द्वार।
सबका होता उद्धार,
दर्शन को उनके तू तो होजा रे तैयार।
पायेगा उपहार,
चल चला चल,
अकेला चल चला चल।।
भोलेनाथ का दरबार दयालुता और मोक्ष का केंद्र है। वहाँ जो भी आता है, वह उनकी कृपा से अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है। यदि आप शिव महिमा से जुड़े और भी भजनों का आनंद लेना चाहते हैं, तो लागी मेरी, तेरे संग लगी, ओ मेरे शंकरा, मुझे भोले द्वार पे बुला लीजिए, सरकार तुम्हारे चरणों में, एक दीन भिखारी आया है, और दर्शन दिया, मुझे दर्शन दिया जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव भक्ति में लीन हों। हर-हर महादेव! 🚩
मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके। View Profile 🚩 जय श्री राम 🚩