काल भैरव मंत्र की खोज आज के समय में केवल तांत्रिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि आत्मरक्षा, भय नाश और मनोबल बढ़ाने के लिए भी की जाती है। Kaal Bhairav Mantra न केवल संकटों का नाश करता है, बल्कि साधक को अद्भुत आत्मबल, साहस और चित्त की शांति भी प्रदान करता है। इस लेख में हम आपको देंगे काल भैरव जी के सिद्ध और शक्तिशाली मन्त्र, उनके सही जप विधि ताकि आपकी साधना हो पूर्ण और फलदायक-
Kaal Bhairav Mantra
काल भैरव बीज मंत्र
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं॥
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रों ह्रीं ह्रों क्षं क्षेत्रपालाय कालभैरवाय नमः॥
काल भैरव गायत्री मंत्र
ॐ कालाकालाय विद्महे,
कालातीताय धीमहि,
तन्नो काल भैरव प्रचोदयात्॥
सरल और प्रभावी मंत्र
ॐ काल भैरवाय नमः॥
भगवान भैरव की पूजा मंत्र
ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्,
भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि॥
र्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम् ।
द्विजेन्द्र पूज्यं विमलं त्रिनेत्रं श्री भैरवं तं शरणं प्रपद्ये॥
ॐ ह्रीं बटुक! शापम विमोचय विमोचय ह्रीं कलीं।
श्री बम् बटुक भैरवाय नमः॥
ॐ क्रीं क्रीं कालभैरवाय फट॥
ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:॥
ॐ काल भैरवाय नमः॥
ॐ श्री भैरवाय नमः॥
ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्॥
ॐ नमो भैरवाय स्वाहा॥
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन॥
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु॥
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय॥
Kaal Bhairav Mantra Lyrics अदृश्य सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है और बुरी शक्तियों, नजर दोष, भय आदि से रक्षा करता है। अगर आप काल भैरव जी की और भी स्तुतियों में रुचि रखते हैं, तो हमारा काल भैरव अष्टकम पर आधारित लेख अवश्य पढ़ें, जिसमें संस्कृत पाठ और उसकी भावनात्मक व्याख्या दी गई है।
काल भैरव मंत्र की जाप विधि
काल भैरव की कृपा प्राप्त करने हेतु मंत्र जाप एक अत्यंत प्रभावशाली साधना है, जो जीवन की हर बाधा से रक्षा करता है।
- शुभ समय: Kaal Bhairav Mantra का जप रात्रि के शांत समय में या प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में किया जाए तो अत्यंत फलदायक होता है।
- स्नान: कोई भी धार्मिक कार्य हमेशा स्वछता के साथकिया जाता है, इसलिए मंत्र जाप करने से पहले भी स्नान करके साफ सुथरे कपडे पहन ले। यह आपके शरीर और मन दोनों को शुद्ध करता है।
- स्थान और दिशा: जप शांत, पवित्र स्थान पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके करें। एक लाल या काले रंग के आसन का उपयोग करें और ध्यान की अवस्था में बैठें।
- साधन: सामने काल भैरव जी की फोटो या मूर्ति रखें। दीपक जलाकर, भैरव बाबा का ध्यान करें। जप प्रारंभ करने से पहले 11 बार “ॐ कालभैरवाय नमः” का उच्चारण करें।
- क्रमबद्ध जाप: ऊपर दिए गए मंत्रों में से किसी एक या एक से अधिक मंत्रों का चयन करें और श्रद्धा से नियमित जप करें। मंत्रों के बीच कोई बात न करें, एकाग्रता बनाए रखें।
- समापन: मंत्र जाप समाप्त करने के बाद कुछ देर तक मौन रूप से बैठे रहे और काल भैरव से प्रार्थना करें और अपने खुशहाल जीवन की कामना करें।
नियम, श्रद्धा और एकाग्रता से किया गया भैरव मंत्र जाप, भक्त को भय, संकट और शत्रु बाधाओं से मुक्ति दिलाकर दिव्य सुरक्षा प्रदान करता है।
FAQ
इसका जाप कब करना चाहिए?
मंत्र जाप भैरव अष्टमी, शनिवार, या रात्रि समय (विशेषतः मध्यरात्रि) में करना अधिक फलदायी माना गया है।
कितने दिनों तक मंत्र का जप करना चाहिए?
कम से कम 21, 40 या 108 दिनों तक नियमपूर्वक जप करना फलदायी होता है। प्रतिदिन निश्चित संख्या में जाप करें।
क्या कोई भी व्यक्ति भैरव मंत्र का जप कर सकता है?
हां, श्रद्धा और नियमपूर्वक कोई भी भक्त यह जप कर सकता है। कुछ विशेष मंत्रों के लिए गुरु दीक्षा अनुशंसित होती है।
क्या मंत्र जाप के समय विशेष आसन या मुद्रा जरूरी है?
हाँ, कुशासन, काले कपड़े, और शांत स्थान में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जाप करना शुभ माना गया है।
मंत्र जाप से क्या लाभ होते हैं?
इससे जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं, नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है, शत्रु शांत होते हैं और आत्मबल में वृद्धि होती है।
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱