भैरव कवच: काल भैरव के रक्षक कवच से प्राप्त करें दिव्य सुरक्षा और शांति

भैरव कवच, एक दिव्य और रक्षक स्तोत्र है जो साधक को सभी प्रकार की बाधाओं, भय और नकारात्मक शक्तियों से बचाता है। इस Bhairav Kavach का पाठ भक्तों को आत्मबल, मानसिक दृढ़ता और आत्मिक सुरक्षा प्रदान करता है। यदि आप काल Bhairav Kavach In Hindi पाठ और उसके जाप विधि को जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा-

Bhairav Kavach

ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः॥
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु॥1॥

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा॥
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः॥2॥

नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे॥
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः॥3॥

भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा॥
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः॥4॥

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः॥
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः॥5॥

रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु॥
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च॥6॥

डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः॥
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः॥7॥

पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः॥
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा॥8॥

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा॥
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा॥9॥

॥ इति भैरव कवच ॥

Bhairav Kavach

ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः॥
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु॥1॥

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा॥
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः॥2॥

नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे॥
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः॥3॥

भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा॥
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः॥4॥

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः॥
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः॥5॥

रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु॥
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च॥6॥

डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः॥
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः॥7॥

पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः॥
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा॥8॥

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा॥
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा॥9॥

॥ इति भैरव कवच ॥

Kaal Bhairav Suraksha Kavach की तरह कार्य करता है, जो भक्तों को हर प्रकार की नकारात्मकता, शत्रुता और आत्मिक संकट से रक्षा करता है। यदि आप काल भैरव जी से जुड़ी और शक्तिशाली स्तुतियाँ पढ़ना चाहते हैं, तो हमारा काल भैरव अष्टकम और काल भैरव मंत्र पर आधारित लेख भी ज़रूर पढ़ें। यह कवच न सिर्फ भैरव बाबा की विशेष कृपा को आकर्षित करता है, बल्कि आपको भैरव अष्टमी जैसे महत्वपूर्ण पर्वों पर उनके आशीर्वाद से जीवन में शक्ति प्रदान करता है।

इसका जाप करने की विधि

अगर आप जीवन की अनदेखी बाधाओं और भय से मुक्त होकर भैरव बाबा की दिव्य शरण में जाना चाहते हैं, तो Bhairav Kavach का पाठ आपके लिए अत्यंत प्रभावशाली साधना है। यहां इसके पाठ की सामान्य विधि को आपके लिए दिया गया है-

  1. कब पढ़ें: Kaal Bhairav Kavach का पाठ प्रतिदिन प्रातःकाल या रात्रि में किया जा सकता है। विशेष फल के लिए भैरवाष्टमी, अष्टमी, रविवार या मंगलवार के दिन पाठ करें।
  2. पवित्र स्थान: शांत, पवित्र स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। सामने काल भैरव जी की प्रतिमा या फोटो रखें, दीपक जलाएं और शुद्ध मन से आरंभ करें।
  3. सामग्री: पूजा की थाली में सरसों का तेल, काले तिल, काला कपड़ा, नींबू, नारियल, दीपक (सरसों के तेल का), अगरबत्ती, फूल (काले या लाल) आदि रखें।
  4. पाठ के पहले: पाठ से पहले “ॐ कालभैरवाय नमः” का 11 बार उच्चारण करें। फिर कवच का पाठ करें।
  5. पाठ: भैरव कवच को श्रद्धा, भावना और ध्यान के साथ पढ़ें — जैसे आप बाबा के सामने बैठकर उनसे संवाद कर रहे हों। कोशिश करे की एक बार में पूरा पाठ पूरा हो जाये।
  6. पाठ के बाद पाठ के अंत में काल भैरव जी से रक्षा, शांति और मार्गदर्शन की प्रार्थना करें। यदि संभव हो तो भैरव बाबा को सरसों का तेल, काले तिल या नारियल अर्पित करें।
  7. आभार: उनसे यह प्रार्थना करें कि वे आपके ऊपर अपनी कृपा बनाए रखें और आपके जीवन में आने वाले हर अदृश्य संकट को दूर करें।

भैरव बाबा की आराधना में सच्चे मन से किया गया कवच पाठ जीवन को नकारात्मकता से दूर करता है और आंतरिक शक्ति प्रदान करता है।

FAQ

क्या भैरव बाबा का कवच तांत्रिक है?

नहीं, यह एक रक्षा स्तोत्र है जिसे कोई भी भक्त श्रद्धा से पढ़ सकता है। यह भय और बाधाओं से रक्षा करता है।

क्या इसका पाठ रोज कर सकते हैं?

क्या ये कवच केवल रक्षा के लिए है?

क्या महिलाएं भी इसका जाप कर सकती हैं?

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