बजरंग बाण, एक बहुत शक्तिशाली आध्यात्मिक और प्राचीन मंत्र है जो हिन्दू धर्म में खास महत्व रखता है। इस मंत्र का उपयोग भक्त अपनी सुरक्षा, सुख, और समृद्धि के लिए करते हैं। इस Bajrang baan का जाप करने से भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Bajrang Baan
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान !
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥
चौपाई
जय हनुमन्त सन्त हितकारी !
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
जन के काज विलम्ब न कीजै !
आतुर दौरि महासुख दीजै ॥
जैसे कूदि सिन्धु महि पारा !
सुरसा बदन पैठि विस्तारा ॥
आगे जाई लंकिनी रोका !
मारेहु लात गई सुर लोका ॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा !
सीता निरखि परमपद लीन्हा ॥
बाग उजारि सिन्धु महँ बोरा !
अति आतुर जमकातर तोरा ॥
अक्षयकुमार को मारि संहारा !
लूम लपेट लंक को जारा ॥
लाह समान लंक जरि गई !
जय जय धुनि सुरपुर में भई ॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी !
कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता !
आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥
जै गिरिधर जै जै सुखसागर !
सुर समूह समरथ भटनागर ॥
ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले !
बैरिहिं मारु बज्र की कीले ॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो !
महाराज प्रभु दास उबारो ॥
ऊँकार हुंकार प्रभु धावो !
बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा !
ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥
सत्य होहु हरि शपथ पाय के !
रामदूत धरु मारु जाय के ॥
जय जय जय हनुमन्त अगाधा !
दुःख पावत जन केहि अपराधा ॥
पूजा जप तप नेम अचारा !
नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ॥
वन उपवन, मग गिरिगृह माहीं !
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥
पांय परों कर ज़ोरि मनावौं !
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं॥
जय अंजनिकुमार बलवन्ता !
शंकरसुवन वीर हनुमन्ता ॥
बदन कराल काल कुल घालक !
राम सहाय सदा प्रतिपालक ॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर !
अग्नि बेताल काल मारी मर ॥
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की !
राखु नाथ मरजाद नाम की ॥
जनकसुता हरिदास कहावौ !
ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा !
सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥
चरण शरण कर ज़ोरि मनावौ !
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं॥
उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई !
पांय परों कर ज़ोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपत चलंता !
ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥
ऊँ हँ हँ हांक देत कपि चंचल !
ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल॥
अपने जन को तुरत उबारो !
सुमिरत होय आनन्द हमारो॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै !
ताहि कहो फिर कौन उबारै॥
पाठ करै बजरंग बाण की !
हनुमत रक्षा करै प्राण की॥
यह बजरंग बाण जो जापै !
ताते भूत प्रेत सब काँपै ॥
धूप देय अरु जपै हमेशा !
ताके तन नहिं रहै कलेशा॥
दोहा
॥ प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान ॥
॥ तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान॥
इस पाठ के साथ ही साथ आप हनुमान जी के कुछ अन्य लोकप्रिय पाठों जैसे – Hanuman Ashtak in Hindi, Shree Hanuman Chalisa, Hanuman Pooja Mantra, Hanuman Aarti का पाठ कर सकते हैं। जो आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं।
बजरंग बाण का पाठ करने की विधि
- शुभ समय चयन: पाठ करने के लिए एक उचित समय सुबह या शाम का चयन करें।
- शुद्धि: ध्यान रहे बजरंगबली की पूजा करने से पहले हमेशा स्नान करके साफ कपड़े पहन कर ही पूजा करें।
- आसन: बजरंग पाठ करने के लिए कुश के ही आसन पर बैठे।
- दृढ़ संकल्प: आप बहुत गंभीर परेशानी में है तो दृढ संकल्प से पाठ करें।
- आदिगुरु पूजन: कोई भी शुभ कार्य के लिए गणेश जी की पूजा करना चाहिए इसलिए इस मंत्र के जाप से पहले गणेश और हनुमान जी की पूजा करें।
- मंत्रों का पाठ: बाण का पाठ पूरी श्रद्धा और ध्यान से उच्चारण करें।
- अर्थ समझें: पाठ करते समय आप हर लाइन का भाव या अर्थ समझने की कोशिश करें ,ताकि आप इस मंत्र का महत्व समझ सकें।
- भक्ति भाव: पाठ सच्ची भक्तिभाव से करें ताकि आप को उसका अधिक लाभ मिल सके।
- आरती और पुनर्नमन: मंत्र के जाप के बाद हनुमान जी की आरती करके पूजा समाप्त करें और उन्हें दिल से प्रणाम करे।
पाठ के लाभ
- रोग निवारण: नियमित पाठ करने से गंभीर से गंभीर रोग ठीक हो जाता है और हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है।
- कष्ट और कठिनाइयों का सामना: पाठ कठिन परिस्तिथियों में करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन सुखमय हो जाता है।
- भयमुक्ति: पाठ करने से भक्तों के ऊपर आने वाली किसी प्रकार की घटना टल जाती है क्युकि भगवान हनुमान अपने भक्तों की रक्षा स्वयं करते हैं ,और भक्तों का जीवन भयमुक्त होता है।
- मानव संबंध: मंत्र का जप करने से मानव एकता बढ़ता है और हर व्यक्ति एक दूसरों के प्रति आदर भाव रखने लगता है।
- मानसिक शांति: पाठ करने से मन पवित्र और शांत होता है और मन में किसी भी प्रकार की जलनभाव नहीं रहता।
- आत्म-विश्वास: पाठ करने से व्यक्ति की सारी समस्याएं खत्म होने लगती है ,और उसका आत्मविश्वास लौट आता है।
FAQ
क्या यह आवश्यक है कि बाण को सिर्फ़ हिन्दू धर्म के भक्त ही पढ़ सकते हैं ?
नहीं, पाठ किसी भी धर्म के व्यक्ति आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए और अपने कल्याण के लिए पढ़ सकते हैं। इस मंत्र का जाप करने से सभी का भलाई होता है यह किसी धर्म जात को नहीं देखता यह मानव कल्याण के लिए है।
इस बाण का प्रयोग कैसे किया जाता है ?
कुश से बने आसन पर बैठकर जाप करना चाहिए साथ ही धूप ,दीप और फल -फूल चढ़ाना चाहिए। इस मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए।
क्या इसका पाठ प्रतिदिन करना चाहिए ?
यह माना जाता है की प्रतिदिन जाप नहीं करना चाहिए, इसे केवल गंभीर समस्याओं में ही करना चाहिए।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.