Jeen Mata Ki Aarti आरती ओम जय श्री जीण मइया, बोलो जय श्री जीण मइया सच्चे मन से सुमिर, सब दुःख दूर भया ओम जय श्री जीण मइया... ऊंचे पर्वत मंदिर , शोभा अति भारी देखत रूप मनोहर , असुरन भयकारी ओम जय श्री जीण मइया... महासिंगार सुहावन , ऊपर छत्र फिरे सिंह की सवारी सोहे , कर में खड़ग धरे ओम जय श्री जीण मइया... बाजत नौबत द्वारे , अरु मृदंग डैरु चौसठ जोगन नाचत , नृत्य करे भैरू ओम जय श्री जीण मइया... बड़े बड़े बलशाली , तेरा ध्यान धरे ऋषि मुनि नर देवा , चरणो आन पड़े ओम जय श्री जीण मइया... जीण माता की आरती , जो कोई जन गावे कहत रूड़मल सेवक , सुख सम्पति पावे ओम जय श्री जीण मइया , बोलो जय श्री जीण मइया। सच्चे मन से सुमिरे , सब दुःख दूर भया ओम जय श्री जीण मइया...

Jeen Mata Ki Aarti | जीण माता की आरती: भक्ति और शक्ति का स्रोत

जीण माता की आरती एक प्रमुख धार्मिक स्तुति है, जो विशेष रूप से राजस्थान और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में गाई जाती है। जीण माता को देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है, और वे भक्तों को सुख, समृद्धि, और सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। … Read more

माँ चंद्रघंटा की आरती जय मां चंद्रघंटा सुख धाम । पूर्ण कीजो मेरे सभी काम ॥ चंद्र समान तुम शीतल दाती । चंद्र तेज किरणों में समाती ॥ क्रोध को शांत करने वाली । मीठे बोल सिखाने वाली ॥ मन की मालक मन भाती हो । चंद्र घंटा तुम वरदाती हो ॥ सुंदर भाव को लाने वाली । हर संकट मे बचाने वाली ॥ हर बुधवार जो तुझे ध्याये । श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं ॥ मूर्ति चंद्र आकार बनाएं । सन्मुख घी की ज्योति जलाएं ॥ शीश झुका कहे मन की बाता । पूर्ण आस करो जगदाता ॥ कांचीपुर स्थान तुम्हारा । करनाटिका में मान तुम्हारा ॥ नाम तेरा रटूं महारानी । भक्त की रक्षा करो भवानी ॥ ॥ इति मां चंद्रघंटा आरती संपूर्णम् ॥

Maa Chandraghanta Aarti | माँ चंद्रघंटा की आरती : माँ की कृपा

माँ चंद्रघंटा की आरती दुर्गा माँ के भक्तो के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। माता चंद्रघंटा देवी के नौ रूपों में से एक है जिनका नवरात्री के तीसरे दिन अत्यधिक महत्त्व होता है। Maa Chandraghanta Aarti में माँ चंद्रघंटा की महिमा, उनकी विशेषताएँ और भक्तों पर उनके आशीर्वाद का वर्णन किया गया है। … Read more

Sheetla Mata Aarti जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता... आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता... ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता... वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा... सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता... करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता... भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता... सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता... कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता... ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता... उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥ दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता... भक्ति आपनी दीजे और न कुछ भाता !! ॥ जय जय शीतला माता ॥

Sheetla Mata Aarti : बीमारियों से रक्षा

शीतला माता की आरती व पूजा शीतला अष्टमी के दिन किया जाता है। Sheetla mata aarti पुरे भारत में किया जाता है क्युकि ऐसा माना जाता है की गर्मी की शुरुआत होने पर अनेक बीमारिया भी शुरू होने लगती हैं और इन बीमारियों से बचने के लिए हम माता जी की आरती व पूजा करते हैं। … Read more

chandraghanta mata ki aarti जय मां चंद्रघंटा सुख धाम, पूर्ण कीजो मेरे सभी काम !! चंद्र समान तुम शीतल दाती, चंद्र तेज किरणों में समाती !! क्रोध को शांत करने वाली, मीठे बोल सिखाने वाली !! मन की मालक मन भाती हो, चंद्र घंटा तुम वरदाती हो !! सुंदर भाव को लाने वाली, हर संकट मे बचाने वाली !! हर बुधवार जो तुझे ध्याये, श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं !! मूर्ति चंद्र आकार बनाएं, सन्मुख घी की ज्योत जलाएं !! शीश झुका कहे मन की बाता, पूर्ण आस करो जगदाता !! कांची पुर स्थान तुम्हारा, करनाटिका में मान तुम्हारा। नाम तेरा रटू महारानी, भक्त की रक्षा करो भवानी।

Chandraghanta Mata ki Aarti | चंद्रघंटा माता की आरती : शुभ फलों की प्राप्ति

जब नवरात्रि प्रारम्भ होता है तब तीसरे दिन चंद्रघंटा माता की आरती और पूजा किया जाता है। माता के मस्तक पर घंटे के आकर में अर्धचंद्र बना है इसी कारण इनको चंद्रघंटा माता के नाम से पुकारा जाता है। Chandraghanta Mata ki Aarti का अर्थ केवल धार्मिक प्रार्थना नहीं है, बल्कि यह भक्त और देवी के … Read more

Shailputri Mata Aarti Lyrics शैलपुत्री मां बैल असवार... करें देवता जय जयकार॥ शिव शंकर की प्रिय भवानी... तेरी महिमा किसी ने ना जानी॥ पार्वती तू उमा कहलावे... जो तुझे सिमरे सो सुख पावे॥ ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू... दया करे धनवान करे तू॥ सोमवार को शिव संग प्यारी... आरती तेरी जिसने उतारी॥ उसकी सगरी आस पुजा दो... सगरे दुख तकलीफ मिला दो॥ घी का सुंदर दीप जला के... गोला गरी का भोग लगा के॥ श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं... प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं॥ जय गिरिराज किशोरी अंबे... शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे॥ मनोकामना पूर्ण कर दो... भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो॥

Shailputri Mata Aarti | शैलपुत्री माता की आरती : माँ दुर्गा की पहली शक्ति

शैलपुत्री माता की आरती देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप को समर्पित एक भक्तिपूर्ण स्तुति है। शैलपुत्री, जिनका नाम ‘पर्वत की पुत्री’ के अर्थ को प्रकट करता है, हिमालय की बेटी और देवी शक्ति का अवतार मानी जाती हैं। नवरात्रि के पहले दिन, उन्हें श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा जाता है। Shailputri Mata Aarti न … Read more

Brahmacharini Mata ki Aarti Lyrics जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता... जय चतुरानन प्रिय सुख दाता ॥ ब्रह्मा जी के मन भाती हो... ज्ञान सभी को सिखलाती हो ॥ ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा... जिसको जपे सकल संसारा॥ जय गायत्री वेद की माता... जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता॥ कमी कोई रहने न पाए... कोई भी दुख सहने न पाए॥ उसकी विरति रहे ठिकाने... जो ​तेरी महिमा को जाने॥ रुद्राक्ष की माला ले कर... जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर॥ आलस छोड़ करे गुणगाना... मां तुम उसको सुख पहुंचाना॥ ब्रह्माचारिणी तेरो नाम... पूर्ण करो सब मेरे काम॥ भक्त तेरे चरणों का पुजारी... रखना लाज मेरी महतारी॥

Brahmacharini Mata ki Aarti | ब्रह्मचारिणी माता की आरती : मन की शांति

माँ ब्रह्मचारिणी, दुर्गा माँ की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति और स्वरूप हैं। ब्रह्मचारिणी माता की आरती और पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन किया जाता है। Brahmacharini Mata ki Aarti व पूजा करने से भक्तों के रुके सभी कार्य पूर्ण होते हैं, सभी दोषों से मुक्ति मिलती है, आप का शारीरिक स्वास्थ्य और मन की … Read more