सांवरिया म्हाने थारो दीदार चाहिए

सांवरिया म्हाने थारो दीदार चाहिए —यह भजन एक भक्त की गहरी तड़प और प्रेम को दर्शाता है। जब मनुष्य श्यामसुंदर के दर्शन के बिना अधूरा महसूस करता है, तब वह बार-बार उन्हें पुकारता है। यह भजन हमें बताता है कि कृष्ण दर्शन की लालसा ही सच्ची भक्ति की निशानी होती है। इस भजन के माध्यम … Read more

मालिक हो तुम मेरे भूलूं ना आभार तेरा

मालिक हो तुम मेरे, भूलूं ना आभार तेरा —यह भजन कृतज्ञता और समर्पण का प्रतीक है। जब भक्त को यह अहसास होता है कि उसके जीवन का हर सुख-दुख, हर उपलब्धि और हर सांस श्याम की कृपा से ही संभव है, तब उसके हृदय से केवल आभार के भाव उमड़ते हैं। यह भजन हमें अपने … Read more

मेरे घर के ऊपर तेरी मोरछड़ी का साया हो

मेरे घर के ऊपर तेरी मोरछड़ी का साया हो—यह भजन श्याम जी की कृपा और संरक्षण की कामना को दर्शाता है। जब भक्त अपनी हर सांस, हर क्षण को श्याम के चरणों में समर्पित कर देता है, तो उसे केवल एक ही इच्छा होती है—”हे श्याम, मेरे घर पर सदैव आपकी छत्रछाया बनी रहे। आइए, … Read more

सिर पे पगड़ी राजस्थानी बागो रंग केसरिया

सिर पे पगड़ी राजस्थानी, बागो रंग केसरिया —यह भजन राजस्थानी संस्कृति और खाटू श्याम जी की महिमा को दर्शाता है। श्याम बाबा का रूप ही ऐसा है कि जब वे केसरिया रंग की राजस्थानी पगड़ी धारण करते हैं, तो भक्तों का मन आनंदित हो उठता है। यह भजन श्रद्धा, भक्ति और गौरव का प्रतीक है, … Read more

हमें भी खाटू जाना है | Hame Bhi Khatu Jana Hai

हमें भी खाटू जाना है —यह भजन हर उस भक्त की भावना को प्रकट करता है, जो खाटू श्याम जी के दर्शन करने की अभिलाषा रखता है। जब भक्तों के मन में बाबा के दरबार जाने की ललक उठती है, तो हर सांस, हर धड़कन बस श्याम नाम जपने लगती है। खाटू धाम का प्रेम, … Read more

लो मेला आ गया | Lo Mela Aa Gaya

लो मेला आ गया —यह भजन खाटू श्याम जी के भव्य मेले के आगमन की खुशी को दर्शाता है। जैसे ही श्याम धणी का मेला आता है, भक्तों के मन में भक्ति, प्रेम और उल्लास की लहर दौड़ जाती है। हर तरफ बाबा के जयकारों की गूंज, श्रद्धालुओं की भीड़ और भक्ति के रंग बिखर … Read more

आया फागुन का त्यौहार | Aaya Fagun Ka Tyohar

आया फागुन का त्यौहार —यह भजन फागुन माह के आनंद, उल्लास और भक्ति से भरी होली का सुंदर वर्णन करता है। जब फागुन आता है, तो हर भक्त के मन में श्री श्याम के रंग में रंग जाने की अभिलाषा जाग उठती है। रंगों की बौछार, गुलाल की महक और श्याम बाबा की भक्ति का … Read more

खाटू श्याम जी की आरती ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे। सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे। भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे। सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे। कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे। निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥

Khatu Shyam Ji ki Aarti | खाटू श्याम जी की आरती

खाटू श्याम जी की आरती भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। श्री खाटू श्याम जी भगवान श्री कृष्ण के अवतार माने जाते हैं ऐसी मान्यता है की बर्बरीक ने अपना शीश कृष्ण जी को अर्पित किया था, जिससे खुश होकर कृष्ण भगवान ने बर्बरीक को खाटू श्याम के रूप में प्रसिद्धि का आशीर्वाद दिया … Read more