जटा में तेरी गंगा विराजे माथे चन्द्र सजाया
Jata Me Teri Ganga Viraje Mathe Chandra Sajaya दुखियों के सब दुःख हर लेते हैं,भस्म लपेटे रहते हैं,कष्ट उन्हें क्या जो भोले की,शरण में हरपल रहते हैं॥ जटा में तेरी गंगा विराजे, माथे चन्द्र सजाया,जटा में तेरी गंगा विराजे, माथे चन्द्र सजाया,सावन में जब डमरू बाजे, तीनो लोक सुहाया,आया सावन आया, भोले का सावन आया,आया … Read more