Shiv Chalisa Lyrics In Hindi

Shiv Chalisa Lyrics In Hindi | शिव चालीसा लिरिक्स इन हिंदी : कृपा प्राप्ति के लिए सरल पाठ

शिव चालीसा लिरिक्स इन हिंदी भगवान शिव की महिमा का बखान करने वाला एक अद्भुत और प्रभावशाली स्तोत्र है। Shiv Chalisa Lyrics In Hindi के प्रत्येक शब्द में भगवान शिव की महिमा और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन है। हिंदी भाषा में लिखी गई इस चालीसा में कुल 40 छंद हैं, जो भगवान शिव की …

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Bajarang Baan

Bajarang Baan | बजरंग बाण: हनुमान जी की आराधना का दिव्य मंत्र

बजरंग बाण भगवान हनुमान की स्तुति का एक प्रभावशाली और शक्तिशाली पाठ है, जिसे उनके भक्त संकटों और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए पढ़ते हैं। “बजरंग” का अर्थ है बलशाली, और “बाण” का अर्थ है तीर। Bajarang Baan का पाठ हनुमान जी के उन भक्तों के लिए एक दिव्य साधन है, जो कठिन समय …

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आरती जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। भूकैलासा ऐसी ही कवला नगर शांतादुर्गा तेथे भक्तभवहारी, असुराते मर्दुनिया सुरवरकैवारी स्मरती विधीहरीशंकर सुरगण अंतरी। जय देवी जय देवी जय शांते जननी , दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। प्रबोध तुझा नव्हे विश्वाभीतरी नेति नेति शब्दे गर्जती पै चारी, साही शास्त्रे मथिता न कळीसी निर्धारी अष्टादश गर्जती परी नेणती तव थोरी। जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। कोटी मदन रूपा ऐसी मुखशोभा सर्वांगी भूषणे जांबूनदगाभा, नासाग्री मुक्ताफळ दिनमणीची प्रभा भक्तजनाते अभय देसी तू अंबा। जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। अंबे भक्तांसाठी होसी साकार नातरी जगजीवन तू नव्हसी गोचर, विराटरूपा धरूनी करीसी व्यापार त्रिगुणी विरहीत सहीत तुज कैचा पार। जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। त्रितापतापे श्रमलो निजवी निजसदनी अंबे सकळारंभे राका शशीवदनी, अगमे निगमे दुर्गे भक्तांचे जननी पद्माजी बाबाजी रमला तव भजनी । जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी।

Shanta Durgechi Aarti | शांता दुर्गेची आरती: शक्ति, श्रद्धा और आशिर्वाद की प्राथना

शांता दुर्गेची आरती देवी शांतादुर्गा को समर्पित एक अत्यंत भक्तिमय और प्रभावशाली प्रार्थना है। देवी शांतादुर्गा गोवा की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं, जिन्हें करुणा, शांति और न्याय का प्रतीक माना गया है। Shanta Durgechi Aarti उनके अद्वितीय स्वरूप और दिव्य गुणों का वर्णन करती है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक आनंद और देवी की कृपा …

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आरती सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल। ले तेरी भेंट चढ़ायो माँ ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे। केसर तिलक लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ नंगे पग मां अकबर आया। सोने का छत्र चडाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ ऊंचे पर्वत बनयो देवालाया। निचे शहर बसाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ सत्युग, द्वापर, त्रेता मध्ये। कालियुग राज सवाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ धूप दीप नैवैध्य आर्ती। मोहन भोग लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ ध्यानू भगत मैया तेरे गुन गाया। मनवंचित फल पाया॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ॥

Vindheshwari Aarti | विंधेश्वरी आरती: देवी विंधेश्वरी की महिमा का स्तुति गीत

विंधेश्वरी आरती देवी विंधेश्वरी की पूजा और स्तुति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रूप है। देवी विंधेश्वरी विशेष रूप से उत्तर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के विंध्याचल में विराजमान है। Vindheshwari Aarti देवी शक्ति की आराधना का एक प्रमुख साधन है, जिन्हें माता दुर्गा का एक रूप माना जाता है। देवी विंधेश्वरी के …

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आरती ओम जय श्री जीण मइया, बोलो जय श्री जीण मइया सच्चे मन से सुमिर, सब दुःख दूर भया ओम जय श्री जीण मइया... ऊंचे पर्वत मंदिर , शोभा अति भारी देखत रूप मनोहर , असुरन भयकारी ओम जय श्री जीण मइया... महासिंगार सुहावन , ऊपर छत्र फिरे सिंह की सवारी सोहे , कर में खड़ग धरे ओम जय श्री जीण मइया... बाजत नौबत द्वारे , अरु मृदंग डैरु चौसठ जोगन नाचत , नृत्य करे भैरू ओम जय श्री जीण मइया... बड़े बड़े बलशाली , तेरा ध्यान धरे ऋषि मुनि नर देवा , चरणो आन पड़े ओम जय श्री जीण मइया... जीण माता की आरती , जो कोई जन गावे कहत रूड़मल सेवक , सुख सम्पति पावे ओम जय श्री जीण मइया , बोलो जय श्री जीण मइया। सच्चे मन से सुमिरे , सब दुःख दूर भया ओम जय श्री जीण मइया...

Jeen Mata Ki Aarti | जीण माता की आरती: भक्ति और शक्ति का स्रोत

जीण माता की आरती एक प्रमुख धार्मिक स्तुति है, जो विशेष रूप से राजस्थान और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में गाई जाती है। जीण माता को देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है, और वे भक्तों को सुख, समृद्धि, और सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। …

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आरती जय महावीर प्रभो, स्वामी जय महावीर प्रभो कुंडलपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभो। ॐ जय… सिद्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी बाल ब्रह्मचारी व्रत पाल्यौ तपधारी ॐ जय… आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॐ जय… जग में पाठ अहिंसा, आपहि विस्तार्यो हिंसा पाप मिटाकर, सुधर्म परिचार्यो ॐ जय… इह विधि चांदनपुर में अतिशय दरशायौ ग्वाल मनोरथ पूर्‌यो दूध गाय पायौ ॐ जय… प्राणदान मन्त्री को तुमने प्रभु दीना मन्दिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना ॐ जय… जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी ॐ जय… जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवै होय मनोरथ पूरण, संकट मिट जावै ॐ जय… निशि दिन प्रभु मंदिर में, जगमग ज्योति जरै!! हरि प्रसाद चरणों में, आनंद मोद भरै ॐ जय…

Mahavir Prabhu Ki Aarti | महावीर प्रभु की आरती :अहिंसा और शांति का प्रतीक

महावीर प्रभु की आरती जैन धर्म में भगवान महावीर की पूजा और भक्ति का एक प्रमुख हिस्सा है। Mahavir Prabhu Ki Aarti भगवान महावीर के आदर्शों, त्याग और सत्य के प्रति समर्पण को समर्पित है। भगवान महावीर, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, सत्य, अहिंसा, और करुणा के प्रतीक हैं। उनकी आरती के माध्यम से भक्त …

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