Vindheshwari Stotra MP3

Vindheshwari Stotra MP3 | विन्धेश्वरी स्तोत्र MP3 डाउनलोड करें: महिमा और लाभ

विन्धेश्वरी स्तोत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और भव्य मंत्र है, जिसे देवी विन्ध्यवासिनी की पूजा में विशेष महत्व दिया जाता है, जिसे आप विन्धेश्वरी स्तोत्र MP3 फॉर्मेट में डाउनलोड करके देवी विन्धेश्वरी की असीमित कृपा और शक्ति का अनुभव कर सकते हैं। ऐसे में Vindheshwari Stotra MP3 इस स्तोत्र को अपनी जीवनशैली में शामिल करना एक … Read more

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Aigiri Nandini Lyrics In Hindi Meaning: एक शक्तिशाली स्तोत्र का अर्थ और महत्व

ऐगीरी नंदिनी एक प्रसिद्ध दुर्गा स्तोत्र है, जो देवी दुर्गा की महिमा का बखान करता है, और ऐगिरि नंदिनी लिरिक्स इन हिंदी अर्थ को समझने से भक्त देवी की शक्ति और महिमा को और गहरे से महसूस कर पाते हैं, और उनके साथ जुड़ने का एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त करते हैं। Aigiri Nandini Lyrics In … Read more

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Aigiri Nandini Stotram PDF | आगिरी नंदिनी स्तोत्रम PDF: देवी दुर्गा की दिव्य स्तुति

आगिरी नंदिनी स्तोत्रम PDF, देवी दुर्गा के परम भव्य रूप की स्तुति करने वाला एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र आगिरी नंदिनी स्तोत्र का डिजिटिल फाइल है, जिसे विशेष रूप से माता की भक्ति और पाठ को आसान करने के लिए बनाया गया है। इस स्तोत्र का गायन व्यक्ति के जीवन में आस्था, शांति और समृद्धि लाने … Read more

Aigiri Nandini Lyrics Sanskrit महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते, गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते॥ भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते, त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते॥ दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२॥ अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते, शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमलय शृङ्गनिजालय मध्यगते॥ मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि कैटभभञ्जिनि रासरते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥३॥ अयि शतखण्ड विखण्डितरुण्ड वितुण्डितशुण्द गजाधिपते, रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते॥ निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥४॥ अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते, चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते॥ दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥५॥ अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे, त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे॥ दुमिदुमितामर धुन्दुभिनादमहोमुखरीकृत दिङ्मकरे, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥६॥ अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते, समरविशोषित शोणितबीज समुद्भवशोणित बीजलते॥ शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥७॥ धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके, कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके॥ कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥८॥ सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते, कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते॥ धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥९॥ जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते, झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुरशिञ्जितमोहित भूतपते॥ नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१०॥ अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते, श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते॥ सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥११॥ सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते, विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते॥ शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१२॥ अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते, त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते॥ अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१३॥ कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते, सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले॥ अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१४॥ करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते, मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते॥ निजगणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१५॥ कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे, प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे॥ जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१६॥ विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते, कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते॥ सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१७॥ पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे, अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत्॥ तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१८॥ कनकलसत्कलसिन्धुजलैरनुषिञ्चति तेगुणरङ्गभुवम्, भजति स किं न शचीकुचकुम्भतटीपरिरम्भसुखानुभवम्॥ तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१९॥ तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते, किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते॥ मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२०॥ अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे, अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते॥ यदुचितमत्र भवत्युररीकुरुतादुरुतापमपाकुरुते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२१॥

Aigiri Nandini Lyrics Sanskrit | अयिगिरि नंदिनी लिरिक्स संस्कृत: देवी माँ की महिमा का गान

अयिगिरि नंदिनी लिरिक्स संस्कृत भाषा में उपलब्ध एक प्रसिद्ध स्तुति है, जिसमें देवी के अद्वितीय रूपों और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है, और जो माता दुर्गा के प्रति हमारे भक्ति और आस्था को व्यक्त करता है। Aigiri Nandini Lyrics Sanskrit को जानने से न केवल इस स्तुति के शाब्दिक अर्थ को समझने में … Read more

Saraswati Pushpanjali Mantra ॐ सरस्वत्यै नमः, पुष्पांजलि समर्पयामि॥

Saraswati Pushpanjali Mantra | सरस्वती पुष्पांजलि मंत्र: ज्ञान और श्रद्धा का पावन समर्पण

सरस्वती पुष्पांजलि मंत्र माँ सरस्वती को अर्पित किया जाने वाला एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली मंत्र है। इस सरस्वती मंत्र के माध्यम से हम ज्ञान, बुद्धि और वाणी की देवी माँ सरस्वती को पुष्पांजलि अर्पित करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। Saraswati Pushpanjali Mantra विद्यार्थियों, कलाकारों, वक्ताओं और विद्वानों के लिए विशेष … Read more

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Saraswati Mata Status | सरस्वती माता स्टेटस: भक्ति और ज्ञान से भरपूर प्रेरणादायक विचार

सरस्वती माता स्टेटस माँ सरस्वती की महिमा को शब्दों में व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम है। विद्या, बुद्धि और वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती हमें सत्य, ज्ञान और आत्मिक प्रकाश का मार्ग दिखाती हैं। आज के डिजिटल युग में लोग Saraswati Mata Status के माध्यम से माँ सरस्वती के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा … Read more

Saraswati Beej Mantra ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः, ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः॥

Saraswati Beej Mantra | सरस्वती बीज मंत्र: ज्ञान और बुद्धि को जागृत करने वाला दिव्य मंत्र

सरस्वती बीज मंत्र माँ सरस्वती का अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जिसे जपने से बुद्धि का विकास होता है और स्मरण शक्ति तेज होती है। इस सरस्वती मंत्र में अद्भुत ऊर्जा होती है, जो न केवल विद्यार्थियों बल्कि हर व्यक्ति के लिए लाभकारी होती है। Saraswati Beej Mantra न केवल स्मरण शक्ति को प्रखर करता है, … Read more

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Saraswati Vandana In Sanskrit | सरस्वती वंदना संस्कृत में: माँ सरस्वती की महिमा का गान

सरस्वती वंदना संस्कृत में माँ सरस्वती की स्तुति का एक पवित्र रूप है, जिसमें उनके अद्वितीय गुणों और शक्ति का वर्णन किया जाता है। Saraswati Vandana In Sanskrit में लिखा गया यह वंदना मंत्र विद्या, संगीत, कला और बुद्धि की देवी माँ सरस्वती के प्रति हमारी श्रद्धा और समर्पण को व्यक्त करता है। यह वंदना … Read more

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Saraswati Chalisa PDF | सरस्वती चालीसा PDF: माँ सरस्वती की भक्ति और आशीर्वाद का स्रोत

सरस्वती चालीसा PDF माँ सरस्वती की महिमा का गान करने का एक ऐसा स्रोत है, जो उनके अद्भुत ज्ञान, बुद्धि और कला के प्रति श्रद्धा को प्रकट करता है। Saraswati Chalisa PDF में चालीसा के 40 श्लोको का वर्णन किया गया है, जिसका नियमित पाठ करके आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, बौद्धिक क्षमता में … Read more

saraswati puja par nibandh

Saraswati Puja Par Nibandh | सरस्वती पूजा पर निबंध

सरस्वती पूजा भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है। यह पर्व माँ सरस्वती की आराधना को समर्पित है, जिन्हें विद्या, संगीत, कला और ज्ञान की देवी माना जाता है। वेदों और शास्त्रों में इन्हें ब्रह्मा की शक्ति के रूप में स्वीकार किया गया है, और उनके बिना ज्ञान, … Read more