अन्नपूर्णा माता की आरती सभी को करनी चाहिए क्युकि माता को अन्न की देवी माना जाता है। इनकी आरती करने से घर में अन्न का भंडार भरा रहता है,रसोईघर में कभी भी भोजन की कमी नहीं होती है।
Annapurna Mata Ki Aarti व पूजा कैसे की जाती और इस पूजा से माँ की क्या कृपा बनती हैं इस आर्टिकल के माध्यम से अनुभवी पंडित जी के बातों को हम आप के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
Annapurna Mata Ki Aarti
॥ माता अन्नपूर्णा की जय ॥
!! बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम !!
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम !
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम !!
!! बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम !!
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम !
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम !!
!! बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम !!
चूमहि चरण चतुर चतुरानन, चारु चक्रधर श्याम !
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर, शोभा लखहि ललाम !!
!! बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम !!
देवि देव! दयनीय दशा में, दया-दया तब नाम !
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल, शरण रूप तब धाम !!
!! बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम !!
श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या, श्री क्लीं कमला काम !
कांति, भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी, वर दे तू निष्काम !!
!! बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम !!
॥ माता अन्नपूर्णा की जय ॥
अन्नपूर्णा माता की पूजा के साथ-साथ आप भगवान शिव और माता पार्वती के कुछ लोकप्रिय पाठ जैसे – Mata Parvati aarti, shiv parvati mantra, एवं shiv gayatri mantra की पूजा भी की जा सकती है। क्योंकि अन्नपूर्णा माता को मां पार्वती का स्वरूप माना जाता है। इस लिए इन पाठों को करने से माता की कृपा सदैव आप पर बानी रहती है।
आरती करने की विशेष विधि
- सफाई – सुबह उठकर पुरे घर की और रसोईघर की सफाई कर लेनी चाहिए।
- स्नान – सुबह में स्नान करके साफ कपड़े पहने।
- माँ की स्थापना – इसके बाद आप माँ की प्रतिमा को पूजाघर या रसोईघर में स्थापित करें।
- शुद्धि – अब आप माँ की प्रतिमा को और घर को गंगाजल से शुद्ध करें।
- अर्पित करें – माँ को धूप, फूल, माला, गेहू, चावल, इत्यादि चढ़ाया जाता है।
- आरती – अन्न चढ़ाने के बाद माता की आरती करें।
- आशीर्वाद – आरती समाप्त करने के बाद आप माँ से अन्नभंडारण सदा बना रहे घर में ऐसा आशीर्वाद मांगना चाहिए।
आरती करने से होने वाले कुछ लाभ निम्नलिखित है।
- अन्न -धन का भंडार – माता की आरती करने से घर में सदा अन्न और धन दोनों का भंडार भरा रहता है।
- कार्यों में सफलता – माता की आरती करने से आप के रुके हुए कार्य और नए कार्यों में सफलता मिलती है।
- सभी को भोजन – माता के आशीर्वाद से कोई भी भूखा नहीं सोता है।
- परिवार में एकता – आरती करने से परिवार में सदा एकता बनी रहती है।
- जीवन में उन्नति – आरती व पूजा करने से जीवन में उन्नति मिलती है।
FAQ
माता की पूजा कब की जाती है ?
मार्गशीष मास के पूर्णिमा तिथि को माता की जयंती के दिन पूजा, व्रत किया जाता है आप चाहे तो प्रतिदिन पूजा कर सकते हैं।
माँ को घर में कहा स्थापित करना चाहिए ?
माँ को रसोईघर में स्थापित करना चाहिए।
क्या अन्नपूर्णा और माँ पार्वती एक ही हैं ?
माता पर्वती की ही रूप है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.