अब मंदिर बनने लगा है भगवा रंग चढ़ने लगा है भजन एक उत्साह और विश्वास से भरा हुआ गीत है, जो श्रीराम के भक्तों की उस दिव्य यात्रा की ओर संकेत करता है जब राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ। यह भजन न केवल राम भक्तों के समर्पण और आस्था को व्यक्त करता है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक पल को भी दर्शाता है जब भगवान राम के मंदिर का सपना वास्तविकता में बदलने लगा। भक्तों की आवाज़, उनके उत्साह और श्रद्धा से भरा हुआ यह भजन राम के प्रति प्रेम और समर्पण को और भी सशक्त बनाता है।
AB Mandir Banne Laga Hai Bhagava Rang Chadhne Laga Hai
अब मंदिर बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है।
जब मंदिर बन जाएगा,
सोच नजारा क्या होगा।
बोल जयकारा जयकारा,
बोल जयकारा।
सियाराम के नारे होंगे,
दर्शन को सारे होंगे।
दर्शन को सारे होंगे,
सोच नजारा क्या होगा।
बोल जयकारा जयकारा,
बोल जयकारा।।
मंदिर मंदिर जपते जपते,
हमने कई साल बिताए हैं।
नैनों में दरस की आस लिए,
हम आज अयोध्या आए हैं।
है रामायण में राम लला,
कण-कण में बसते राम लला।
करते हैं नमन उस नगरी को,
है जहां पे जन्मे राम लला।
मंदिर में मूरत होगी,
प्यारी सी सूरत होगी।
प्यारी सी सूरत होगी,
सोच नजारा क्या होगा।
बोल जयकारा जयकारा,
बोल जयकारा।।
है धर्म की जीत बड़ी सबसे,
था इंतजार हमको कब से।
अब सपना वो साकार हुआ,
जो देखा है हमने कब से।
श्री राम का नाम लिए मुख पे,
अब निकल पड़े हैं सब घर से।
जीवन ये ‘शुभम’ का धन्य हुआ,
श्री राम कृपा हुई जबसे।
सब हिंद का एक ही नारा,
भगवा चमके जग सारा।
भगवा चमके जग सारा,
सोच नजारा क्या होगा।
बोल जयकारा जयकारा,
बोल जयकारा।।
अब मंदिर बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है।
जब मंदिर बन जाएगा,
सोच नजारा क्या होगा।
बोल जयकारा जयकारा,
बोल जयकारा।
सियाराम के नारे होंगे,
दर्शन को सारे होंगे।
दर्शन को सारे होंगे,
सोच नजारा क्या होगा।
बोल जयकारा जयकारा,
बोल जयकारा।।
अब मंदिर बनने लगा है भगवा रंग चढ़ने लगा है भजन हमें यह याद दिलाता है कि भगवान राम के प्रति हमारी आस्था और समर्पण ही हमें सच्चे सुख की ओर ले जाते हैं। इस भजन में राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ राम जी की महिमा और भक्तों की एकजुटता का प्रदर्शन होता है। इसी तरह के भजनों जैसे राम सम नहीं कोई और उदार और राम के गीत सुनाते चलो में भी यह भावना व्यक्त की जाती है कि जब हम राम के प्रति अपने दिल से प्रेम और श्रद्धा प्रकट करते हैं, तो हमारा जीवन सच्चे मार्ग पर चलता है। जय श्रीराम!
मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile 🚩 हर हर महादेव 🚩