॥अंजनी माता की आरती॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता। कपि केशरी महारानी, हनुमत की माता॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता... चार भुजा अति सुन्दर, शीश मुकुट सोहे। गल मोतियन की माला, दर्शन मन मोहे॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता... आदि कुमारी माता, शक्ति जगदम्बा। उमा रमा ब्रह्माणी, त्रिभुवन जन अम्बा॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता.. पन्नाराम सुखदाता, जिन पर कृपा करो। रचना रुचिर रचाई, सालासर नगरी॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता.. सिद्ध पीठ यह मातु, हरि की नामकरण कीन्हा। भजनी दास तिहारो, तिन को वर दीन्हा॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता.. यह आरती माता जी की जो कोई नर गावे। हनुमान जी की कृपा से जग में, सुख समृद्धि पावे॥ ॐ जय श्री अंजनी माता, मैया जय श्री अंजनी माता।

Anjani Mata Ki Aarti | अंजनी माता की आरती

अंजनी माता की आरती का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है, इनकी आरती विशेष रूप से हनुमान जी के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अंजनी माता, हनुमान जी की माता है, जिनको देवी रूप में पूजा जाता है। उन्हें शक्ति, समर्पण और मातृत्व का प्रतीक माना जाता है। Anjani Mata Ki Aarti के माध्यम …

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श्री चित्रगुप्त जी की आरती ॐ जय चित्रगुप्त हरे,स्वामीजय चित्रगुप्त हरे। भक्तजनों के इच्छित,फलको पूर्ण करे॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,सन्तनसुखदायी। भक्तों के प्रतिपालक,त्रिभुवनयश छायी॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत,पीताम्बरराजै। मातु इरावती, दक्षिणा,वामअंग साजै॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक,प्रभुअंतर्यामी। सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन,प्रकटभये स्वामी॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ कलम, दवात, शंख, पत्रिका,करमें अति सोहै। वैजयन्ती वनमाला,त्रिभुवनमन मोहै॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ विश्व न्याय का कार्य सम्भाला,ब्रम्हाहर्षाये। कोटि कोटि देवता तुम्हारे,चरणनमें धाये॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ नृप सुदास अरू भीष्म पितामह,यादतुम्हें कीन्हा। वेग, विलम्ब न कीन्हौं,इच्छितफल दीन्हा॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ दारा, सुत, भगिनी,सबअपने स्वास्थ के कर्ता । जाऊँ कहाँ शरण में किसकी,तुमतज मैं भर्ता ॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ बन्धु, पिता तुम स्वामी,शरणगहूँ किसकी। तुम बिन और न दूजा,आसकरूँ जिसकी॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ जो जन चित्रगुप्त जी की आरती,प्रेम सहित गावैं। चौरासी से निश्चित छूटैं,इच्छित फल पावैं॥ ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥ न्यायाधीश बैंकुंठ निवासी,पापपुण्य लिखते। 'नानक' शरण तिहारे,आसन दूजी करते॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे,स्वामीजय चित्रगुप्त हरे। भक्तजनों के इच्छित,फलको पूर्ण करे॥

Shri Chitrgupt Ji Ki Aarti | श्री चित्रगुप्त जी की आरती

श्री चित्रगुप्त जी की आरती का धार्मिक कार्यों में अद्वितीय स्थान है जिसे करने वाले व्यक्तियों को नर्क से मुक्ति मिलती है। चित्रगुप्त जी यमराज के सहायक और कर्मो का लेखा जोखा रखने वाले देवता है अर्थात इन्हे देवताओं का लेखपाल कहा जाता है। Shri Chitrgupt Ji Ki Aarti व पूजा करने के बारे में …

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खाटू श्याम जी की आरती ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे। सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे। भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे। सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे। कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे। निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥ ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ओम जय श्री श्याम हरे... ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥

Khatu Shyam Ji ki Aarti | खाटू श्याम जी की आरती

खाटू श्याम जी की आरती भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। श्री खाटू श्याम जी भगवान श्री कृष्ण के अवतार माने जाते हैं ऐसी मान्यता है की बर्बरीक ने अपना शीश कृष्ण जी को अर्पित किया था, जिससे खुश होकर कृष्ण भगवान ने बर्बरीक को खाटू श्याम के रूप में प्रसिद्धि का आशीर्वाद दिया …

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Mata Sidhidatri Ki Arti जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता, तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता। तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि, तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥ कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम, जब भी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम। तेरी पूजा में तो न कोई विधि है, तू जगदम्बे दाती तू सर्वसिद्धि है॥ रविवार को तेरा सुमरिन करे जो, तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो। तुम सब काज उसके कराती हो पूरे, कभी काम उसके रहे न अधूरे॥ तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया, रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया। सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली, जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली॥ हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा, महा नंदा मंदिर में है वास तेरा। मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता, वंदना है सवाली तू जिसकी दाता॥

Mata Sidhidatri Ki Arti | माता सिद्धिदात्री की आरती

माता सिद्धिदात्री की आरती नवरात्र के नौवे दिन की जाती है। इनकी पूजा व आरती करने से अनेक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इसलिए Mata Sidhidatri Ki Arti सभी देवतागढ़, मनुष्य और असुर लोग करते हैं। माता सिद्धिदात्री को दुर्गा माँ के नौवें अवतार के रूप में जाना जाता है। माता की आशीर्वाद पाने के लिए महानवमी …

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mansa devi aarti in hindi

मनसा देवी जी की आरती | Mansa Devi Aarti : विष से रक्षा

मांसा देवी, जिन्हें ‘मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी’ के रूप में जाना जाता है, श्रद्धालुओं के लिए अपार विश्वास और आस्था का प्रतीक हैं। मनसा देवी जी की आरती, एक आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा है, जिसमें भक्तजन अपने मन की शुद्धता और श्रद्धा के साथ देवी मां की स्तुति करते हैं। Mansa Devi Aarti न …

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Jai Tulsi Mata

Jai Tulsi Mata | तुलसी माता आरती : एक पवित्र पौधा

Jai Tulsi Mata, यह शब्द जितना सुनने में अच्छा लग रहा है। उससे भी बड़ा इसकी मान्यता है। तुलसी जी को हमारे हिन्दू धर्म में माता का स्थान दिया गया है, यह केवल एक पौधा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। इसे पूजनीय माना जाता है क्योंकि यह न केवल धार्मिक दृष्टि …

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Santoshi Mata Ki Aarti in hindi

Santoshi Mata Ki Aarti | संतोषी माता की आरती : सुख, समृद्धि और वैभव

संतोषी माता की आरती भक्तों के जीवन में शांति, संतोष और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। Santoshi Mata Ki Aarti संतोषी माता के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। संतोषी माता को हिंदू धर्म में सौम्यता, सरलता और संतोष की देवी के रूप में पूजा जाता है। भक्तजन मानते हैं कि माता संतोषी …

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Shree Vishwakarma Ji Ki Aarti in hindi

Shree Vishwakarma Ji Ki Aarti | विश्वकर्मा भगवान की आरती : देवताओं के वास्तुकार

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार इस पृथ्वी पर पहला वास्तुकार और शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा को माना जाता है। उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति के भाव से श्री विश्वकर्मा जी की आरती व पूजा पुरे भारतवर्ष में किया जाता है। Shree Vishwakarma Ji Ki Aarti उनकी कृपा, दिव्यता और शक्ति का गुणगान करती है। विश्वकर्मा जी भारतीय …

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सूर्यदेव की आरती

Surya Dev Ki Aarti | सूर्यदेव की आरती : दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी

हिन्दू धर्म में सूर्य को नौ ग्रहों का अधिपति माना जाता है। भास्कर ही ऐसे देवता हैं जो हमे प्रतिदिन दर्शन देते हैं। इसलिए भगवान सूर्य की पूजा व आरती हमे समय से कर लेना चाहिए। सूर्यदेव की आरती करने से अनेक बीमारिया, ग्रह दोष  जैसे अनेक समस्याए खत्म हो जाती है।  इस लेख के …

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Annapurna Mata Ki Aarti

Annapurna Mata Ki Aarti | अन्नपूर्णा माता की आरती : अन्न की प्राप्ति

अन्नपूर्णा माता की आरती सभी को करनी चाहिए क्युकि माता को अन्न की देवी माना जाता है। इनकी आरती करने से घर में अन्न का भंडार भरा रहता है,रसोईघर में कभी भी भोजन की कमी नहीं होती है। Annapurna Mata Ki Aarti व पूजा कैसे की जाती और इस पूजा से माँ की क्या कृपा बनती …

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