Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics In English 1

Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics In English : Embrace the Divine Melody

Aarti Kunj Bihari Ki in English is an extremely melodious and devotional hymn dedicated to Lord Krishna. This aarti beautifully describes Lord Krishna’s childhood pastimes, His divine glory, and His enchanting presence in Vrindavan. Through Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in English, devotees who are not comfortable with Hindi or Sanskrit can also immerse themselves … Read more

Parvati Aarti

Parvati Aarti | पार्वती आरती: माँ की कृपा प्राप्त करने का पावन मार्ग

पार्वती आरती माँ पार्वती की भक्ति और श्रद्धा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह Parvati Aarti देवी पार्वती के दिव्य स्वरूप, उनकी शक्ति और करुणा का वर्णन करती है। माँ पार्वती, जिन्हें आदिशक्ति और जगजननी कहा जाता है, समस्त सृष्टि की पालनहार हैं। विशेष रूप से नवरात्रि, शिवरात्रि या किसी भी शुभ अवसर पर माता … Read more

Saraswati Mata Ki Aarti ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता, सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता। चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी, सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी। जय… बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला, शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला। जय… देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया, पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया। जय… विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।, मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो। जय… धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो, ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो। जय… मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें, हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें। जय… जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता, सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता। जय… ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता, सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता। जय…

Saraswati Mata Ki Aarti | सरस्वती माता की आरती: ज्ञान और शांति का दिव्य स्तोत्र

सरस्वती माता की आरती एक दिव्य स्तुति है, जिसे सरस्वती पूजा के समय गाया जाता है। Saraswati Mata Ki Aarti उनके आशीर्वाद और कृपा की प्राप्ति के लिए एक साधना है, जो ज्ञान, विद्या और रचनात्मकता की देवी हैं। जब हम यह आरती गाते हैं, तो न केवल हमारे मन में भक्ति और श्रद्धा का … Read more

आरती जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। भूकैलासा ऐसी ही कवला नगर शांतादुर्गा तेथे भक्तभवहारी, असुराते मर्दुनिया सुरवरकैवारी स्मरती विधीहरीशंकर सुरगण अंतरी। जय देवी जय देवी जय शांते जननी , दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। प्रबोध तुझा नव्हे विश्वाभीतरी नेति नेति शब्दे गर्जती पै चारी, साही शास्त्रे मथिता न कळीसी निर्धारी अष्टादश गर्जती परी नेणती तव थोरी। जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। कोटी मदन रूपा ऐसी मुखशोभा सर्वांगी भूषणे जांबूनदगाभा, नासाग्री मुक्ताफळ दिनमणीची प्रभा भक्तजनाते अभय देसी तू अंबा। जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। अंबे भक्तांसाठी होसी साकार नातरी जगजीवन तू नव्हसी गोचर, विराटरूपा धरूनी करीसी व्यापार त्रिगुणी विरहीत सहीत तुज कैचा पार। जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी। त्रितापतापे श्रमलो निजवी निजसदनी अंबे सकळारंभे राका शशीवदनी, अगमे निगमे दुर्गे भक्तांचे जननी पद्माजी बाबाजी रमला तव भजनी । जय देवी जय देवी जय शांते जननी, दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी।

Shanta Durgechi Aarti | शांता दुर्गेची आरती: शक्ति, श्रद्धा और आशिर्वाद की प्राथना

शांता दुर्गेची आरती देवी शांतादुर्गा को समर्पित एक अत्यंत भक्तिमय और प्रभावशाली प्रार्थना है। देवी शांतादुर्गा गोवा की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं, जिन्हें करुणा, शांति और न्याय का प्रतीक माना गया है। Shanta Durgechi Aarti उनके अद्वितीय स्वरूप और दिव्य गुणों का वर्णन करती है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक आनंद और देवी की कृपा … Read more

Vindheshwari Aarti आरती सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल। ले तेरी भेंट चढ़ायो माँ ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे। केसर तिलक लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ नंगे पग मां अकबर आया। सोने का छत्र चडाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ ऊंचे पर्वत बनयो देवालाया। निचे शहर बसाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ सत्युग, द्वापर, त्रेता मध्ये। कालियुग राज सवाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ धूप दीप नैवैध्य आर्ती। मोहन भोग लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ ध्यानू भगत मैया तेरे गुन गाया। मनवंचित फल पाया॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ॥

Vindheshwari Aarti | विंधेश्वरी आरती: देवी विंधेश्वरी की महिमा का स्तुति गीत

विंधेश्वरी आरती देवी विंधेश्वरी की पूजा और स्तुति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रूप है। देवी विंधेश्वरी विशेष रूप से उत्तर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के विंध्याचल में विराजमान है। Vindheshwari Aarti देवी शक्ति की आराधना का एक प्रमुख साधन है, जिन्हें माता दुर्गा का एक रूप माना जाता है। देवी विंधेश्वरी के … Read more

Shiv Aarti Lyrics

Shiv Aarti Lyrics | शिव आरती लिरिक्स: शिव आरती के सुंदर बोल

शिव आरती लिरिक्स का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यंत गहरा और पवित्र है। भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है, और उनकी आरती करना एक भक्त के लिए परम सौभाग्य की बात मानी जाती है। Shiv Aarti Lyrics में इतनी शक्ति होती है कि यह हमारे अंतर्मन को शांति और आत्मबल प्रदान … Read more

महावीर प्रभु की आरती जय महावीर प्रभो, स्वामी जय महावीर प्रभो कुंडलपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभो। ॐ जय… सिद्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी बाल ब्रह्मचारी व्रत पाल्यौ तपधारी ॐ जय… आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॐ जय… जग में पाठ अहिंसा, आपहि विस्तार्यो हिंसा पाप मिटाकर, सुधर्म परिचार्यो ॐ जय… इह विधि चांदनपुर में अतिशय दरशायौ ग्वाल मनोरथ पूर्‌यो दूध गाय पायौ ॐ जय… प्राणदान मन्त्री को तुमने प्रभु दीना मन्दिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना ॐ जय… जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी ॐ जय… जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवै होय मनोरथ पूरण, संकट मिट जावै ॐ जय… निशि दिन प्रभु मंदिर में, जगमग ज्योति जरै!! हरि प्रसाद चरणों में, आनंद मोद भरै ॐ जय…

Mahavir Prabhu Ki Aarti | महावीर प्रभु की आरती: अहिंसा और शांति का प्रतीक

महावीर प्रभु की आरती जैन धर्म में भगवान महावीर की पूजा और भक्ति का एक प्रमुख हिस्सा है। Mahavir Prabhu Ki Aarti भगवान महावीर के आदर्शों, त्याग और सत्य के प्रति समर्पण को समर्पित है। भगवान महावीर, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, सत्य, अहिंसा, और करुणा के प्रतीक हैं। उनकी आरती के माध्यम से भक्त … Read more

जय अम्बे गौरी आरती जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी। ॐ जय अम्बे गौरी... मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको। ॐ जय अम्बे गौरी... कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै। ॐ जय अम्बे गौरी... केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी। सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी। ॐ जय अम्बे गौरी... कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती। ॐ जय अम्बे गौरी... शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती। ॐ जय अम्बे गौरी... चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे। मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे। ॐ जय अम्बे गौरी... ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी। ॐ जय अम्बे गौरी... चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू। ॐ जय अम्बे गौरी... तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुख हरता , सुख संपति करता। ॐ जय अम्बे गौरी... भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी। ॐ जय अम्बे गौरी... कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती। ॐ जय अम्बे गौरी... श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे। कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे। ॐ जय अम्बे गौरी... ॥समाप्त॥

Jai Ambe Gauri Aarti | जय अम्बे गौरी आरती : दिव्य भक्ति गीत

जय अम्बे गौरी आरती हिंदू धर्म में माँ दुर्गा की स्तुति में गाई जाने वाली एक अत्यंत लोकप्रिय आरती है। Jai Ambe Gauri Aarti का यह मधुर स्वरूप भक्तों को माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की महिमा का बखान करता है और श्रद्धालुओं को माँ की शक्ति, करुणा और उनकी मातृवत प्रेम की अनुभूति कराता … Read more

कुबेर जी की आरती लिरिक्स ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे, शरण पड़े भगतों के भण्डार कुबेर भरे। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े, दैत्य दानव मानव से कई-कई युद्ध लड़े। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे स्वामी सिर पर छत्र फिरे, योगिनी मंगल गावैं सब जय जय कार करैं। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… गदा त्रिशूल हाथ में शस्त्र बहुत धरे स्वामी शस्त्र बहुत धरे, दुख भय संकट मोचन धनुष टंकार करें। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… भांति भांति के व्यंजन बहुत बने स्वामी व्यंजन बहुत बने, मोहन भोग लगावैं साथ में उड़द चने। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े स्वामी हम तेरी शरण पड़े, अपने भक्त जनों के सारे काम संवारे। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले स्वामी मोतियन हार गले, अगर कपूर की बाती घी की जोत जले। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे स्वामी जो कोई नर गावे, कहत प्रेमपाल स्वामी मनवांछित फल पावे। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…

Kuber Ji Ki Aarti Lyrics | कुबेर जी की आरती लिरिक्स : धन समृद्धि का आगमन

कुबेर जी की आरती लिरिक्स और इसकी धुन सदियों से भक्तों के हृदय में भक्ति और श्रद्धा का संचार करती आई है। कुबेर जी को धन और संपत्ति के देवता माना जाता है, और हिंदू धर्म में उनकी आराधना विशेष महत्त्व रखती है। जब भी भक्तगण संपत्ति, सौभाग्य और समृद्धि की कामना करते हैं, तब … Read more

हनुमान जी की आरती लिरिक्स आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। जाके बल से गिरवर काँपे, रोग-दोष जाके निकट न झाँके। अंजनि पुत्र महा बलदाई, संतन के प्रभु सदा सहाई। आरती कीजै हनुमान लला की... दे वीरा रघुनाथ पठाए, लंका जारि सिया सुधि लाये। लंका सो कोट समुद्र सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई। आरती कीजै हनुमान लला की... लंका जारि असुर संहारे, सियाराम जी के काज सँवारे। लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे, लाये संजिवन प्राण उबारे। आरती कीजै हनुमान लला की... पैठि पताल तोरि जमकारे, अहिरावण की भुजा उखारे। बाईं भुजा असुर दल मारे, दाहिने भुजा संतजन तारे। आरती कीजै हनुमान लला की... सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें, जय जय जय हनुमान उचारें। कंचन थार कपूर लौ छाई, आरती करत अंजना माई। आरती कीजै हनुमान लला की... जो हनुमानजी की आरती गावे, बसहिं बैकुंठ परम पद पावे। लंक विध्वंस किये रघुराई, तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई। आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics | हनुमान जी की आरती लिरिक्स: शक्ति और भक्ति का संगम

हनुमान जी की आरती लिरिक्स, भगवान हनुमान की भक्ति में गाए जाने वाला एक विशेष भजन के बोल है, जो भक्तों के दिलों में असीम श्रद्धा और प्रेम को जगाता है। Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics हमारे जीवन में शक्ति, साहस और धैर्य का प्रतीक है। भगवान हनुमान को संकटमोचन कहा जाता है, और उनकी … Read more