माँ गंगा आरती पुरे भारतवर्ष में महत्वपूर्ण माना जाता है। गंगा नदी को हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है, ऐसी मान्यता है की गंगा में स्नान करने से अनजाने में किये सभी पाप धूल जाते हैं। Ganga Aarti करने के लिए आप गंगा आरती लिरिक्स का प्रयोग कर सकते हैं। गंगा मईया की आरती करने से आप पर सदा इनकी कृपा बनी रहती है और आप मोक्ष को प्राप्त होते हैं।
Ganga Aarti Lyrics
हर हर गंगे, जय मां गंगे, हर हर गंगे, जय मां गंगे ॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता…
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता !!
चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता…
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता !!
!! ओम जय गंगे माता !!
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता…
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता !!
!! ओम जय गंगे माता !!
एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता…
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता !!
!! ओम जय गंगे माता !!
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता…
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता !!
!! ओम जय गंगे माता !!
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता…
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता !!
!! ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता !!
माँ गंगा की आरती के साथ आप भगवान शिव के कुछ मुख्य पाठों जैसे – Shiv Aarti, Shiv Stuti, Shiv Panchakshar Stotra, shiv rudra mantra एवं Shiv Chalisa इत्यादि का पाठ भी कर सकते हैं। जो आपके लिए फलदायक हो सकता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है की भगवान शिव ने माँ गंगा को अपनी जटाओं में स्थापित किया हुआ है।
गंगा आरती करने की विधि
- स्थान का चयन – आरती करने के लिए आप सबसे पहले स्थान का चयन कर ले क्युकि पुरे भारत में इनकी आरती कई स्थानों पर होती है जैसे बनारस में, हरिद्वार में, ऋषिकेश में ऐसे बहुत से स्थान मिल जायेंगे आप को।
- स्नान – आप सबसे पहले गंगा मईया में स्नान करके पवित्र हो जाये।
- गंगा आरती की सामग्री – आरती के लिए आप फूल, माला, घी, दोना, दीपक, अर्घ्य पात्र, रोली, अगरबत्ती और मिठाई में गुण, हलवा इत्यादि लें।
- शुभ समय – मईया की आरती करने के लिए आप सुबह या शाम का समय चुने और सही टाइम के लिए किसी पुजारी या इंटरनेट का सहारा लें।
- आरती प्रारम्भ – आप आरती करने के लिए पूजा के सामान को सजाकर रख ले, इसके बाद आप धुप या अगरबत्ती जला ले, दोना में फूल, दिया को जलाकर रख के बहा दे, अर्घ्य पात्र से माता को जल अर्पित करें और इसके बाद गाते हुए आरती करें।
- आशीर्वाद मांगे – आरती खत्म करने के बाद आप से आशीर्वाद मांगे और उनसे मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
आरती करने के कई धार्मिक लाभ निम्नलिखित है।
- आत्मा की शुद्धि – हिन्दू धर्म में माता को पवित्र माना जाता है इसलिए इनकी आरती में भाग लेने से मन और आत्मा शुद्ध हो जाता है।
- स्वास्थ्य – इनकी आरती करने से आरती करने से हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य हमेशा बना रहता है।
- शांति और सुकून – मंत्र से चारों दिशाएँ गूंज उठती हैं जिससे पूरे वातावरण में एक अलग ही सुकून और शांति का अनुभव होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा – मईया की आरती करने से आप सकारात्मक ऊर्जा महसूस करते हैं जिससे आप जीवन में अनेक उचाईयों को प्राप्त कर पाते हैं।
- पापों से मुक्ति – गंगा जी में स्नान करने से और आरती करने से आप के अनजाने में किये पाप खत्म हो जाते है।
- धन सम्पदा – माता की पूजा -पाठ और आरती करने से आप का घर हमेशा धन सम्पदा से भरा रहता है।
- संतान प्राप्ति – यदि आप माता से संतान सुख का वरदान मांगती हैं तो आप को जल्दी ही संतान सुख की प्राप्ति होगी है।
FAQ
गंगा आरती के लिए कौन सा घाट सबसे अच्छा माना जाता है ?
घाट अच्छे है क्युकि गंगा जी एक ही स्थान से निकली हैं और पुरे भारतवर्ष में फैली हैं।
आरती में कौन शामिल हो सकता है ?
वैसे तो पारम्परिक ड्रेस पहनकर पुजारी लोग आरती करते हैं लेकिन इस आरती में कोई भी शामिल हो सकता है चाहे वो किसी भी धर्म का हो।
गंगा जी में स्नान करते समय क्या नहीं लगाना चाहिए ?
स्नान करते समय साबुन, शैम्पू, तेल इत्यादि नहीं लगाना चाहिए।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.