Vaishno Mata Aarti | वैष्णो माता की आरती : सुख और शांति

माता वैष्णो जी के मंदिर में आरती दिन में दो बार किया जाता है, हम आप को बता दे यदि आप माता वैष्णो जी की आरती के लिए वैष्णो जी मंदिर जाना चाहते हैं तो आप ख़ुशी से जा कर वहाँ Vaishno Mata Aarti कर सकते हैं, लेकिन जो भक्त वैष्णो देवी के मंदिर नहीं पहुंच पा रहे हैं तो वे अपने घर में ही देवी वैष्णो की आरती सच्ची श्रद्धा से कर सकते हैं। 

माता वैष्णो जी की आरती करने से भक्तों में अध्यात्म का ज्ञान होता है, उनकी कृपा से जीवन सुख और शांति से व्यतीत होता है और माता का आशीर्वाद सदा भक्तों पर बना रहता है। यदि आप अपने भक्तिमय जीवन को और भी ज्यादा उजागर एवं ऊर्जावान बनाना चाहते हैं तो, आप सही जगह पर आये हैं। यहाँ हमने आपकी सुविधा के लिए सम्पूर्ण आरती को निचे मुख्य रूप से उपलब्ध कराया है।

Vaishno Mata Aarti

जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता,
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥

!! जय वैष्णवी माता !!

शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी,
गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी॥

!! जय वैष्णवी माता !!

ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे,
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥

!! जय वैष्णवी माता !!

सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे,
बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥

!! जय वैष्णवी माता !!

भवन पे झण्डे झूलें, घंटा ध्वनि बाजे,
ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे॥

!! जय वैष्णवी माता !!

पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा,
दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा॥

!! जय वैष्णवी माता !!

जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे,
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे॥

!! जय वैष्णवी माता !!

इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे,
कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे॥

!! जय वैष्णवी माता !!

वैष्णो देवी की आरती के समय, पुजारी कई देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि आरती के समय सभी देवी-देवता गर्भगृह में मौजूद होते हैं, वैष्णो देवी मंदिर में वैष्णो देवी की तीन मूर्तियों की पूजा की जाती है: महाकाली, महालक्ष्मी एवं महासरस्वती। इस लिए आप इस आरती के साथ laxmi mata aarti, Saraswati Mata Ki Aarti भी कर सकते हैं। जो आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं।

माँ वैष्णो जी की आरती करने की विधि

  • स्नान – पूजा  आरती करने से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहने। 
  • शुद्धिकरण – इसके बाद आप पुरे घर की, मंदिर की और खुद की गंगाजल से शुद्धि करें। 
  • प्रतिमा को स्थापित करें – शुद्धिकरण के बाद माता को अपने मंदिर में लाल वस्त्र बिछा कर स्थापित करें। 
  • अर्पित करें – माँ की शुद्धिकरण के बाद श्रृंगार करे तथा  धूप, लाल गुड़हल का फूल व माला, मिठाई, लाचिदाना, इत्यादि चढ़ाये। 
  • ध्यान या पाठ – पूजा आरती में लीन होने के लिए ध्यान या पाठ का जाप करें। 
  • आरती – जाप खत्म करने के बाद गाय के घी से दीपक, कपूर जलाकर आरती करें। 

वैष्णो माँ की आरती करने के लाभ

  • जीवन में शांति – माता की आरती करने से जीवन में बहुत शांति का अनुभव होता है। 
  •  घर में सम्पन्नता – आरती करने से घर धन – धान्य से सम्पन्न रहता है। 
  • नकारात्मक शक्ति – माँ की आरती करने से नकारात्मक शक्ति दूर होती है। 
  • कार्यों में सफलता – माता की आरती करने से आप के रुके हुए सभी कार्य सफल होते हैं। 
  • अध्यात्म का ज्ञान – माँ जी की पूजा व आरती से भक्तों में अध्यात्म का ज्ञान होता है और हम अध्यात्म को अच्छे से समझने लगते हैं। 

FAQ

क्या माँ दुर्गा माँ का ही स्वरूप है ?

हां माता दुर्गा माँ का ही रूप हैं ।

माता की आरती कौन – कौन कर सकता है ?

माता की आरती कब करनी चाहिए ?

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