Sheetla Mata Aarti | शीतला माता की आरती : बीमारियों से रक्षा

शीतला माता की आरती व पूजा शीतला अष्टमी के दिन किया जाता है। Sheetla mata aarti पुरे भारत में किया जाता है क्युकि ऐसा माना जाता है की गर्मी की शुरुआत होने पर अनेक बीमारिया भी शुरू होने लगती हैं और इन बीमारियों से बचने के लिए हम माता जी की आरती व पूजा करते हैं।

माँ शीतला जी की आरती करने से चेचक जैसे अनेक बीमारियों से हमारी रक्षा होती हैं, गर्मी से शीतलता प्रदान करती है और माँ का शीतल आशीर्वाद सदा हम पर बना रहता है।

Sheetla Mata Aarti Lyrics

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता…
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता…
ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता…
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा…
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता…
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता…
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता…
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता…
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता…
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता…
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता…
भक्ति आपनी दीजे और न कुछ भाता !!
॥ जय जय शीतला माता ॥

माँ को प्रसन्न करने एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आप माता पार्वती आरती की भी कर सकते हैं क्योंकि माँ शीतला को इन्ही का स्वरुप माना जाता है। साथ ही आप Durga Chalisa, durga stotram, chandraghanta mata ki aarti, Shailputri Mata Aarti, Brahmacharini Mata ki Aarti एवं vaishno mata aarti की आरती का पाठ कर सकते हैं जो आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। इन आरतियों का पाठ करना आपके लिए माता की कृपा पाने का एक अच्छा माध्यम हो सकता है।

शीतला माता की आरती करने की विधि

  • स्नान – शीतला अष्टमी के दिन आप सुबह उठकर जल्दी स्नान कर के साफ कपड़े पहने।
  • व्रत का संकल्प – स्नान के बाद हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करे।
  • साफ सफाई – याद रखे माता को साफ -सफाई अधिक पसंद है तो घर में व पूजास्थान पर सफाई जरूर रखे।
  • पूजासामग्री – पूजा शुरू करने से पहले आप रोली, चंदन, घी, दिया, धूप, फूल, माला, गंगाजल, धार, चुनरी, श्रृंगार का सामान  इत्यादि सामग्री पूजा स्थान पर रख लें।
  • पूजा शुरू करें – अब आप अपने पूजाघर में आसन बिछा कर बैठ जाये।
  • माता का श्रृंगार – सबसे पहले आप माता का श्रृंगार करें और उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाए।
  • अर्पित करे – इसके बाद माँ को रोली लगाए, फूल, फल, धूप चढ़ाये।
  • बासी प्रसाद – याद रखे इनका प्रसाद  शीतला सप्तमी के दिन ही बनाया जाता है और अष्टमी के दिन चढ़ाया जाता है।
  • आरती – भोग लगाने के बाद गाय के घी से दीपक, धूप, कपूर जलाकर आरती करें।
  • जल चढ़ाये – आरती करने के बाद निम के पौधे को जल में धार मिलाकर चढ़ाये।
  • आशीर्वाद मांगे – पूजा के अंत में माता जी से बिमारियों से सदा हमारी रक्षा करने का आशीर्वाद मांगे 
  • व्रत खत्म करे – बासी प्रसाद खाकर अपने व्रत को खत्म करें।

माँ शीतला की आरती क्यों करने चाहिए

  • बिमारियों से मुक्ति – आरती करने से गर्मी में होने वाली अनेक बिमारियों से मुक्ति मिलती है। 
  • जीवन में शीतलता – माता की आरती व पूजा करने से जीवन में सदा माँ की शीतलता रूपी आशीर्वाद बना रहता है। 
  • स्वास्थ्य –  माता के आशीर्वाद से आप का स्वास्थ्य सदा बना रहता  है। 
  • घर में शांति – माँ की आरती करने से आप के घर में शांति बनी रहती है। 
  • चिंतामुक्त जीवन – माता जी के कृपा से जीवन में कोई भी चिंता या तनाव नहीं  रहता।

FAQ

माता को प्रसाद में क्या चढ़ाया जाता है ?

माता को चावल गुड़ या  चावल गन्ने के रस का मीठा भात चढ़ाया जाता है।

क्या शीतला अष्टमी के दिन चूल्हा जलाना चाहिए ?

Share

Leave a comment