Krishna Aarti | कृष्ण आरती : भक्ति का मधुर संगम

श्रीकृष्ण आरती भक्तों के लिए एक ऐसा अनुभव है, जो मन और आत्मा को शांति और आनंद से भर देता है। भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें प्रेम, करुणा और चमत्कारों का प्रतीक माना जाता है, की आरती करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। Krishna Aarti के मधुर शब्द और भक्तिमय स्वर न केवल कानों को सुकून देते हैं, बल्कि दिल में भगवान के प्रति गहरी आस्था और समर्पण की भावना जागृत करते हैं।

Krishna Ji ki Aarti का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यधिक है। जब ‘श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी’ की गूंज होती है, तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं ब्रजभूमि का वातावरण सजीव हो उठता है। इसमें कृष्ण के बाल स्वरूप, मुरलीधारी रूप और गीता उपदेशक के रूप की झलक मिलती है, जो हर भक्त को उनकी ओर आकर्षित करती है।

Krishna Aarti Lyrics

!! आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की !!
!! आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की !!

गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला…
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला !!

गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली…
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक !!

चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की…
!! श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की !!

कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं…
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग ग्वालिन संग !!

अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
!! आरती कुंजबिहारी की !!

जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा…
स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस !!

जटा के बीच,हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की

!! श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की !!

चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू…
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू !!

हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद…
टेर सुन दीन दुखारी की !!

!! श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की !!

!! आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की !!
!! आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की !!

भगवान को प्रसन्न करने के लिए Shri Radha Rani Ji Ki Aarti करना आपके लिए काफी बेहतर हो सकता है, क्योंकि श्री राधा रानी को श्री कृष्णा की प्रेमिका के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है की आप राधा रानी से अपनी जो भी इच्छाएं मांगते हैं भगवान उसे जरूर पूरा करते हैं। हमारे हिन्दू धर्म में भगवान कृष्णा को त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है इस लिए आप प्रभु की कृपा पाने के लिए Vishnu Ji Ki Aarti का पाठ भी कर सकते हैं।

Krishna Bhagwan Ki Aarti करने की विधि

  1. स्नान – आरती करने से पहले आप स्नान करके साफ -सुथरे वस्त्र पहने।
  2. सफाई – आप पूजा स्थान की अच्छे से सफाई कर ले।
  3. पूजासामग्री – पूजा शुरू करने से पहले आप पूजा समान जैसे की -दूध, मिश्री, मावा, पेड़ा,  फूल, धुप, चंदन, श्रृंगार का समान आदि चीजों से पूजा की थाली सजा लें।
  4. कृष्ण जी का श्रृंगार –  इसके बाद आप मूर्ति को दूध से स्नान कराके उनका श्रृंगार करें।
  5. ध्यान – श्रृंगार करने के बाद ध्यान करे। 
  6. आरती – इसके बाद आरती करे।
  7. प्रसाद – आरती के बाद प्रसाद चढ़ाये और बाट दे।

श्री कृष्ण आरती करने से होने वाले कुछ लाभ निम्नलिखित है।

  • प्रेम विवाह में सफलता – इनकी आराधना करने से प्रेमविवाह में सफलता मिलती है क्युकि कृष्ण जी प्रेम का सम्मान करते हैं।
  • वैवाहिक जीवन में शांति –  इनकी पूजा -आराधना करने से वैवाहिक जीवन में सुख -शांति और प्यार बना रहता है।
  • सही निर्णय – पूजा करने से आप अपने जीवन में विकट परिस्थिति में भी सही निर्णय ले पाते हैं।
  • अध्यात्म से रिश्ता – आराधना करने से आप अध्यात्म की गहराई से जुड़ पाते हैं।
  • जीवन में सफलता – इनकी कृपा से आप अपने जीवन में हमेशा सफलता पाते है तथा आप का घर धन-धान्य से भरा रहता है।
  • मन की शांति – इनकी मोहिनी रूप  देखकर इनका श्रृंगार  और पूजा करके मन को बहुत सुकून और शांति मिलता है।
  • संकट से मुक्ति – साधको के जीवन में आने वाले संकटो से मुक्ति मिलती है।

FAQ

श्री कृष्ण जी की पूजा किस दिन करनी  चाहिए ?

वैसे तो इनकी  पूजा प्रतिदिन कर सकते हैं, लेकिन समय न होने पर आप बुधवार को पूजा कर सकते हैं।

भगवान को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए ?

 आरती किसको करनी चाहिए ?

कृष्ण जी को क्या पसंद हैं ?

Share

Leave a comment