Saraswati Mata Ki Aarti | सरस्वती माता की आरती : सफलता की प्राप्ति

सरस्वती माता की आरती और पूजा करने से आप हर मुश्किल काम को आसानी से सिखने की क्षमता रख पाते हैं, आप संगीत, नृत्य, ज्ञान और किसी भी प्रकार की कला में महारथ हासिल कर पाते है। Saraswati mata ki aarti करने से माँ का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहता है। 

सरस्वती माता को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है। इनकी कृपा जिनपर बनी रहती है उनके जीवन में  सफलता और शोहरत प्राप्त होता है। माता की कृपा से व्यक्ति इस समाज में एक सभ्य इंसान बन पाता है।

Saraswati Mata Ki Aarti

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता !
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता !!
!!
जय जय सरस्वती माता… !!

देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया !
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया !!
!!
जय जय सरस्वती माता… !!

विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो !
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो !!
!!
जय जय सरस्वती माता… !!

धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो !
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो !!
!!
जय जय सरस्वती माता… !!

मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें !
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें !!
!!
जय जय सरस्वती माता… !!

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता !
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता !!
!!
जय जय सरस्वती माता… !!

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता !
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता !!
!!
जय जय सरस्वती माता… !!

सरस्वती माता की पूजा के साथ Bhagwan Ganesh Ki Aarti और Navgrah Aarti का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। जो आपके लिए माँ सरस्वती की कृपा को पाने का एक अच्छा माध्यम हो सकता है।

सरस्वती माता की आरती करने की विधि

  • पवित्रता – माता की पूजा करने से पहले आप स्नान करके साफ कपड़े पहन लें और पूजास्थान को भी साफ कर लें। 
  • माता की स्थापना – पूजा स्थान पर माँ की मूर्ति या फोटो को सच्ची श्रद्धा से स्थापित करें। 
  • पूजा का सामान – माता की पूजा करने के लिए आप -सफेद या पिले वस्त्र लें, पीला या सफेद फूल, माला, चंदन,केसर,अगरबत्ती,फल,मिठाई इत्यादि पूजा स्थान पर रख लें। 
  • माता का श्रृंगार – माँ को सफेद या पिले वस्त्र पहनाये और उनका श्रृंगार करें। 
  • ध्यान – इसके बाद माँ का ध्यान करें। 
  • आरती – माता की पूजा के अंत में आरती गान करें। 
  • भोग लगाएं – इसके बाद माँ को प्रसाद का भोग लगाए और सब में बाट दे। 
  • धन्यवाद – माता को अंत में दिल से धन्यवाद करें और उनसे कृपा तथा आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें। 

माँ सरस्वती की पूजा और आरती करने के लाभ

  • जीवन में तरक्की – माँ की पूजा करने से आपके जीवन में हमेशा तरक्की होती रहती है।
  • ज्ञान में वृद्धि – माँ ज्ञान की सागर हैं तो इनके आशीर्वाद से ज्ञान में और भी बढ़ोतरी होती है।
  • कला में पारंगत – इनकी पूजा और आरती  करने से आप किसी भी कला में महारथ हासिल कर पाते हैं।
  • किसी भी उम्र में सिखने की क्षमता – माँ की पूजा और आशीर्वाद से हम किसी भी उम्र में सिखने या ज्ञान अर्जन करने की क्षमता रख पाते हैं।
  • मन की शांति – माँ की पूजा करने से हमारा ज्ञान बढ़ता है और मन को एक अनोखी शांति महसूस होती है।
  • स्वास्थ्य – इनकी पूजा- अर्चना करने से और योग ज्ञान के अभ्यास से हम  अपने शरीर और मन को स्वस्थ्य रख पाते हैं।

FAQ

माँ सरस्वती की पूजा कब और कौन कर सकता है?

आप  इनकी पूजा कभी भी या प्रतिदिन  कर सकते हैं लेकिन सबसे अधिक बसंत पंचमी पर पूजा की जाती है। इनकी पूजा कोई भी व्यक्ति कर सकता है कोई रोक -टोक नहीं है।

सरस्वती माता को स्थापित  करते समय  उनका मुख किस दिशा में होना चाहिए ?

माता सरस्वती की पूजा पुरे भारतवर्ष में क्यों महत्व रखता है ?

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