Dharti Gaye Sai Ram
धरती गाये साई राम,
अम्बर गाये साई श्याम,
धरती गाये अम्बर गाये,
नदिया गाये सागर गाये,
महिमा शिर्डी धाम के,
महिमा शिर्डी धाम के,
हर दिशा में धूम मची है,
साई तुम्हारे नाम के,
साई तुम्हारे नाम के,
धरती गाये साई राम,
अम्बर गाये साई श्याम,
धरती गाये साई राम,
अम्बर गाये साई श्याम….
तेरे धूने की भबूती को,
जो माथे धारण कर लेते,
माथे धारण कर लेते,
जो माथे धारण कर लेते,
तेरे धूने की भबूती को,
जो माथे धारण कर लेते,
पाते रोगो से मुक्ति,
वो काया कुंदन कर लेते,
जो काया कुंदन कर लेते,
मिल जाती है नेहमत उनको,
मिल जाती है नेहमत उनको,
बिना मोल बिन दाम के,
बिना मोल बिन दाम के,
बिना मोल बिन दाम के,
धरती गाये साई राम,
अम्बर गाये साई श्याम,
धरती गाये साई राम,
अम्बर गाये साई श्याम……
तेरे दर रेहमतो की ही,
सदा बरसात होती है,
सदा बरसात होती है,
सदा बरसात होती है,
तेरे दर रेहमतो की ही,
सदा बरसात होती है,
वहाँ बेकार पत्थरो को,
बनाया जाता मोती है,
बनाया जाता मोती है,
तुम भक्तों को,
बाँटते दौलत,
तुम भक्तों को,
बाँटते दौलत,
सच्चे सुख आराम की,
सच्चे सुख आराम की,
सच्चे सुख आराम की,
धरती गाये साई राम,
अम्बर गाये साई श्याम,
धरती गाये साई राम,
अम्बर गाये साई श्याम…….

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म