Kaha Jaoge Bhole Bhandari
कहां जाओगे भोले भंडारी,
शादी हो गई हमारी तुम्हारी॥
गोरा में पर्वत का वासी,
और तुम राजा की बेटी,
कैसे जोड़ी बनेगी हमारी,
शादी हो गई हमारी तुम्हारी…..
मैंने जप तप बहुत किया था,
पति तुमको ही माना था,
जन्मों-जन्मों की जोड़ी हमारी,
शादी हो गई हमारी तुम्हारी…..
मैं भांग धतूरा खाता,
गोरा तुमको यह नहीं भाता,
यहां मिले नहीं तरकारी,
शादी हो गई हमारी तुम्हारी…..
मैं अंग भभूति रमाता,
मेरे तन पर नहीं दुशाला,
मैं कहां से लाऊं तुम्हें साड़ी,
शादी हो गई हमारी तुम्हारी…..
यह देव बड़े दुराचारी,
माने नहीं बात हमारी,
नारद की मती गई मारी,
शादी हो गई हमारी तुम्हारी…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile