Bhola Ban Jao Janani Ghunghat Nikal Ke
यह लहरी दार चुनरी माथे पर डाल के,
भोला बन जाओ जनानी घुंघटा निकाल के…..
बिच्छू वाला कान में डाला गले मुंडो की माला,
गले मुंडो की माला,
कमरबंद कमरकस बांधा नाग है काला काला,
नाग है काला काला,
काला इनको तो रखना स्वामी गले में संभाल के,
भोला बन जाओ जनानी घूंघटा निकाल के,
यह लहरी दार चुनरी…..
सबका सब कुछ छुप जाएगा छुपे न गंगा पानी,
छुपे ना गंगा पानी,
छुपा सकोगे कैसे प्रीतम यह मर्दानी वाणी,
यह मर्दानी वाणी,
वाणी पकड़े ना जाओ कहीं मर्दानी चाल पर,
भोला बन जाओ जनानी घुंघट निकाल के,
यह लहरी दार चुनरी…..
सब आई हैं बिन घूंघट में यह घूंघट में कौन आई,
घुंघट में कौन आई,
पकड़ लिया है मनमोहन ने मुस्काए हैं कन्हाई,
कन्हाई उस दिन से नाम रखा है गोपेश्वर संभाल के,
भोला बन जाओ जनानी घुंघटा निकाल के,
यह लहरी दार चुनरी…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile