कइसन अशुभ अमंगल भेष बा तोहार दुलहा

Kaisan Ashubh Amangal Bhesh Ba Tohar Dulha

कइसन अशुभ अमंगल भेष बा तोहार दुलहा,
कइसे परिछीं हम तोह के गँवार दुलहा,
सिर पर जटा हाथ तिरशूल,
बदन में असमशान के धूल,
गले नगवा करेला फुफकार दुलहा,
कइसे परिछीं हम….

नन्दी भृंगी साथ विराजत,
संग में भुत बैताल बा नाचत,
नाचत घुटने पर देइ देइ के ताल दुलहा,
कइसे परिछीं हम…..

अइसन बर के गौरा न देहब,
चाहे जहर खाई हम लेहब,
भले गौरा रहिहें कुआँर दुलहा,
कइसे परिछीं हम…..

नारद के हम काइ बिगड़नी,
कइलन हमसे अइसन करनी,
नारद गौरा के खोजलें बउराह दुलहा,
कइसे परिछीं हम……

सुनि के सास बचन त्रिपुरारी,
धइलन सुंदर रूप सवाँरी,
तोहार महिमा बा अगम अपार दुलहा,
तोहार अशुभ भेष भी मंगल के भंडार दुलहा,
चल परिछीं हम तोहके लबार दुलहा,
चल परिछीं हम…..

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