Gaura Maiya Ki Bhole Se Shikayat Hai
गौरा मैया की भोले से शिकायत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है….
घोटत घोटत दुखे हाथ भांग घुटावे तू दिन रात भोले सुन ले मेरी बात,
गई मायके तो लौट के न आत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है….
गोरा करे क्यों तकरार झगड़ा तेरा है बेकार,
भांग में घोटत थोड़ा प्यार,
तू पिला दे तो मजा आई जात है,
मेरी क्यों न घोटी जात है,
गौरा मैया की भोले से शिकायत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है….
अरे बात बात पे मांगे भांग लेली तूने मेरी जान,
बिक जावेगा घर ये मकान,
अपनी अमा से करनी शिकायात है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है,
गौरा मैया की भोले से शिकायत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है….
मान ली गौरा तोरी बात ना करियो तू मोरी शिकायत,
कान पकड़ के जोडू हाथ
‘मनोज पागल’ भी गोरा जी के साथ है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है,
गौरा मैया की भोले से शिकायत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है….

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile