Gale Me Jiske Naag
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
गले में जिसके नाग,
सर पे गंगे का निवास,
जो नाथों का है नाथ भोलेनाथ जी,
करता पापों का विनाश,
कैलाश पे निवास,
डमरू वाला वो सन्यास भोलेनाथजी,
जो फिरता मारा मारा,
उसको देता वो सहारा,
तीनो लोक का वो स्वामी भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ,
ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी,
मोह माया से परे उसकी छाया के तले,
जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले,
केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ,
जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी……
ये दुनिया है भिखारी पैसे की मारी मारी,
मेरा तू ही है सहारा मेरे भोलेनाथ जी,
मेरा हाथ ले तू थाम बाबा ले जा अपने धाम,
इस दुनिया से बचा ले मुझको शंभूनाथ जी,
मोह माया से परे तेरी छाया के तले,
जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले,
केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ,
जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी……
तेरा रूप है प्रचण्ड तू आरंभ तू ही अंत,
तू ही सृष्टि का रचियता मेरे भोलेनाथ जी,
में खुद हूं खण्ड खण्ड फिर कैसा है घमंड,
मुझे तुझमें है समाना मेरे भोलेनाथ ज़ी,
मोह माया से परे तेरी छाया के तले,
जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले,
केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ,
जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी……

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile