Kanvad Saja Ke Chalo
कांवड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई,
भक्तो को शिव ने अपने,
आवाज है लगाई,
कावड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई….
सावन की ऋतू है प्यारी,
भक्तो करो तयारी,
शिव गौरा से मिलन की,
मन में उमंग भारी,
मन में उमंग भारी,
तन हो गया है फागण,
मन में बसंत छाई,
कावड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई….
जीवन है तेरा छोटा,
बातों में ना लगाना,
जब जब भी आए सावन,
कांवड़ शिव चरण चढ़ाना,
जिस भक्त के ये भाव,
जिस भक्त के ये भाव,
उसने शिव कृपा है पाई,
कावड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई…..
आदेश शिव का होता,
दर्शन को सभी है पाते,
शिव की कृपा जो होती,
कांवड़ तभी उठाते,
हमने भी शिव कृपा से,
हमने भी शिव कृपा से,
जीवन में कृपा ये पाई,
कावड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई…..
कांवड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई,
भक्तो को शिव ने अपने,
आवाज है लगाई,
कावड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile