Aaj Mere Shiv Bhangiya Pikar
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
नशे शिव की डमरू गिर गई,
कैसे बोले डम डम।।
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
नशे में चंदा नीचे आ गयो।
कैसे चमके चम चम चम।।
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
नशे में गंगा नीचे आगई।
कैसे बहे अब छम छम छम।।
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
नशे में “राजेन्द्र” भोले नाचे।
धरती होबे छम छम छम।।
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile