Dar Pe Khadi Hoon Patang Ban Ke
दर पे खड़ी हूँ पतंग बन के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
कोई जल लाया बाबा कोई काव्य दूध हो,
तुमको नहलाएँगे मल मल के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
कोई फूल लाया बाबा कोई बेल पाती,
तुमपे चढ़ाएँगे सब मिल के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
कोई आंक लाया बाबा कोई धतूरा,
तुमको पिलाएँगे मल मल के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
कोई ढोलक लाया बाबा कोई लाया चिमटा,
महिमा हम गाएँगे सब मिल के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile