भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन श्री विष्णु के मन भाया है

Bholenath Tumhara Bholapan Shri Vishnu Ke Man Bhaya Hai

भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन श्री विष्णु के मन भाया है…..

सती को सुनाई है अमर कथा शुवका हुकार लगाया है,
सुनीता से बने सुखदेव मुनि उन्हीं को अमर फल पाया है,
भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन श्री विष्णु के मन भाया है…..

तब को करके बरपा करके भागीरथ गंगा लाया है,
जब साठ हजार सागर सूत्र के तारण का पुण्य कमाया है,
भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन श्री विष्णु के मन भाया है…..

भस्मासुर को बर दे करके अपने सिर पर आफत ले ली,
जब मोहिनी रूप धरा हरि ने उन्हीं को भस्म कराया है,
भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन श्री विष्णु के मन भाया है…..

वरदान तुम्हीं से पाकर कि रावण भी बड़ा गर्वाया है,
जब राम अवतार लिया हरि ने उन्हीं का गर्व मिटाया है,
भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन श्री विष्णु के मन भाया है…..

कैसे कहे प्रभु तेरी कहानी तेरी कहानी का पार नहीं,
सब कहते भक्त मंडली में प्रभु तेरी लीला का पार नहीं,
भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन श्री विष्णु के मन भाया है…..

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