Trinetri Mahakal
त्रिकालदर्शी त्रिपुण्डधारी तिनेत्री जय जय जय महाकाल,
जय जय जय जय त्रिपुरारी,
त्रिलोकी त्रिसूल धारी,
कीजै सब असुरों का काल,
त्रिकालदर्शी त्रिपुण्डधारी तिनेत्री जय जय जय महाकाल….
रामण वध करने से पहले,
राम ने की थी शिव पूजा,
शत्रु विनासक मन्त्र है शिव जी,
शिव जैसा कोई नही दूजा,
रणभूमि में इसी कारण,
हर हर महादेव है गुजा,
शंखनाद कर लो शिव जी का,
सुख भोगों गे सालों साल,
त्रिकालदर्शी त्रिपुण्डधारी तिनेत्री जय जय जय महाकाल……
समुद्र मंथन का सारा विष,
पी गए थे शिव भोलेनाथ,
नीलकंठ सबसे अलग है,
मान लो उनकी सारी बात,
सत, रज और तामसी में,
एक सा रखो सदा अनुपात,
तीसरी आँख दिखा दे जिसको,
उसका आ जाता है काल,
त्रिकालदर्शी त्रिपुण्डधारी तिनेत्री जय जय जय महाकाल…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile