Tere Dar Jabse O Bhole Aana Jana Ho Gaya
तेरे दर जबसे ओ भोले,
आना जाना हो गया,
आना जाना हो गया मेरा,
आना जाना हो गया,
मिल गई खुशियां सभी मेरा,
तू खजाना हो गया,
तेरे दर जब से ओ भोलें,
आना जाना हो गया…….
बनके भवरा मैं था भटका,
फूल खिला ना मन कभी,
थामी जब उंगली ओ भोले,
जग बेगाना हो गया,
तेरे दर जब से ओ भोलें,
आना जाना हो गया…….
कोई चला ना साथ मेरे,
कहते थे पागल सभी,
तूने रख दिया हाथ सर पे,
मैं सयाना हो गया,
तेरे दर जब से ओ भोलें,
आना जाना हो गया…….
आँखों में आंसू भरे है,
लब पे फरियाद यही,
तेरे चरणों का ये भोले,
दिल दीवाना हो गया,
तेरे दर जब से ओ भोलें,
आना जाना हो गया…….
तेरे बिन कोई ना अपना,
ना अर्चू पहचान है,
तेरी चौखट ही ओ भोले,
अब ठिकाना हो गया,
तेरे दर जब से ओ भोलें,
आना जाना हो गया…….

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile