Bhole Lila Anokhi Tumhari
डमरू बजाने वाले,
जय हो जय भोले भंडारी,
लीला अनोखी तुम्हारी,
भोले लीला अनोखी तुम्हारी…..
पावन गंगा को तुमने,
जटा में समाया,
मस्तक पे चन्द्रमा को,
तुमने सजाया,
तन पे भभूति सोहे,
सर्पो की माला,
बस्ती को छोड़कर डेरा,
कैलाश पर डाला,
छोड़े हाथी और घोड़े,
नंदी की अजब सवारी,
लीला अनोखी तुम्हारी,
भोले लीला अनोखी तुम्हारी……
तेरी भक्ति में भोले,
शक्ति बड़ी है,
शक्ति की देवी गौरा,
संग में खड़ी है,
बैठे है पास गणपति,
बुद्धि प्रदाता,
‘करले जो इनका दर्शन,
भव से तर जाता,
कर में त्रिशूल जिनके,
डमरू की धुन प्यारी प्यारी,
लीला अनोखी तुम्हारी,
भोले लीला अनोखी तुम्हारी…….
ये तो है बात सारी,
दुनिया ने मानी,
तेरे समान जग में,
कोई ना दानी,
हो ना भंडार खाली,
सबकुछ लुटाया,
इसीलिए औघड़ दानी,
तुमको बताया,
खुश होकर जलधारा में,
भक्तो की बिगड़ी सुधारी,
लीला अनोखी तुम्हारी,
भोले लीला अनोखी तुम्हारी……
गृहस्थी क्या सन्यासी,
सभी का तू प्यारा है,
उसकी ही लाज रखी,
जिसने पुकारा है,
कोई कमी ना रखना,
भक्ति लुटाना ,
गाता रहूं मैं भोले,
तेरा तराना,
भक्तो ने तेरे बाबा,
चरणों में अर्जी गुजारी,
लीला अनोखी तुम्हारी,
भोले लीला अनोखी तुम्हारी……

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile