Bhole Le Chal Kashi Dham
ओ भोले ले चल काशी धाम,
जहाँ विराजे गौरा रानी गणपति सरकार……
शीश भोले के जटा विराजे,
जटा विराजे जटा विराजे,
उनकी जटा से बहती रहती,
गंगा की ये धार,
ओ भोले ले चल काशी धाम……
गले भोले के रुणडो की माला,
रुणडो की माला रुणडो की माला,
उनके गले में लिपटा रहता,
विषधर काला नाग,
ओ भोले ले चल काशी धाम……
हाथ भोले के त्रिशूल विराजे,
त्रिशूल विराजे त्रिशूल विराजे,
उनके हाथ में बजता रहता,
डमरू चारो धाम,
ओ भोले ले चल काशी धाम……
पाँव भोले के खडाऊं विराजे,
खडाऊं विराजे खडाऊं विराजे,
उनके पैरो में बजती रहती,
घुंघरू की झंकार,
ओ भोले ले चल काशी धाम……

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile