Jiska Aadi Na Ant Koi
जिसका आदि ना अंत कोई,
जिससे है बडा ना संत कोई,
जिसको कहते कैलाशी है,
जिसके चरणों में काशी है,
जीवन उस को सौंप दिया तो ,फिर है क्या मरना,
महाकाल ने थामा हाथ है तो, फिर काल से क्या डरना……
खुश हो जाए जो भोले, तो मन के आस पुराते हैं,
क्रोध जो आ जाए उनको, फिर प्रलय रूप दिखलाते हैं,
छोड़ दिया सब उसके ऊपर, खुद है क्या करना,
महाकाल ने थामा हाथ है तो, फिर काल से क्या डरना…….
डम डम डमरू वाले शंकर, को बस ध्यान लगाना है,
दुनिया के सुख माया छोड़ के, बस भोले को पाना है,
चरणों के नीचे उनके बस, है हरदम रहना,
महाकाल ने थामा हाथ है तो, फिर काल से क्या डरना…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile